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Newswrap: BSP सरकार के दौरान हुई खनन घोटाले की साजिश, पढ़ें- 5 खबरें

कांग्रेस सांसद सिब्बल ने कहा कि सवर्ण आरक्षण बिल के मुताबिक 5-10 हजार रुपये कमाने वाले दलित का परिवार कमजोर वर्ग नहीं है लेकिन 8 लाख रुपये कमाने वाला कमजोर वर्ग है. वहीं उत्तर प्रदेश में खनन घोटाले में नया मोड़ आ गया है. पढ़ें- बुधवार शाम की 5 बड़ी खबरें.

मायावती (फाइल फोटो) मायावती (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

कांग्रेस सांसद सिब्बल ने कहा कि सवर्ण आरक्षण बिल के मुताबिक 5-10 हजार रुपये कमाने वाले दलित का परिवार कमजोर वर्ग नहीं है लेकिन 8 लाख रुपये कमाने वाला कमजोर वर्ग है. वहीं उत्तर प्रदेश में खनन घोटाले में नया मोड़ आ गया है. पढ़ें- बुधवार शाम की 5 बड़ी खबरें.

बसपा सरकार के दौरान ही हुई खनन घोटाले की साजिश, सपा सरकार ने करीबियों को दिए पट्टे

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उत्तर प्रदेश में खनन घोटाले में नया मोड़ आ गया है. मायावती सरकार के दौरान 2009-10 के दौरान हमीरपुर और बुंदेलखंड में खनन पर टेंडर के लिए नियम बने थे. मौजूदा सरकार ने निविदा देने के नाम पर जिन अखबारों में विज्ञापन दिए थे, उनका इलाके लोगों ने नाम तक नहीं सुना था. सर्कुलेशन के नाम पर 10-20 कॉपी निकलने वाले 2 पन्नों के अखबारों में खनन के पट्टे जारी करने के लिए छोटा सा विज्ञापन दिया गया और सियासी रसूख वाले करीबियों के आवेदन लिए गए. 'आजतक' के पास इन अखबरों की कॉपी मौजूद है.

अगर 8 लाख कमाने वाला गरीब तो माफ हो इनकम टैक्स: कपिल सिब्बल

संसद के शीतकालीन सत्र का आज 18वां दिन है और आज सिर्फ राज्यसभा की ही बैठक होगी. उच्च सदन में आज सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने से जुड़ा 124वां संविधान संशोधन बिल पेश किया गया. कांग्रेस सांसद सिब्बल ने कहा कि सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े समुदाय को आरक्षण है लेकिन अब आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग को आरक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बिल के मुताबिक 5-10 हजार रुपये कमाने वाले दलित का परिवार कमजोर वर्ग नहीं है लेकिन 8 लाख रुपये कमाने वाला कमजोर वर्ग है.

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आगरा में बोले पीएम मोदी- किसी का हक मारे बिना सवर्ण गरीबों को आरक्षण दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में मिशन 2019 का आगाज ताजनगरी आगरा से किया. इस दौरान उन्होंने यहां गंगाजल प्रोजेक्ट समेत करीब 3907 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकर्पण किया. विकास कार्यों की सौगात के साथ पीएम मोदी ने सामान्य जाति के गरीबों को दिए गए आरक्षण के फैसले का भी बखान किया और कहा कि हमारी सरकार दलित-आदिवासी या पिछड़ों से चोरी किए बिना सवर्णों को आरक्षण दिया है, जबकि पहले सरकारें चोरी कर तुष्टिकरण की झोली भरना चाहती थीं.

पंजाब में फिर आतंकवाद का जिन्न ज़िंदा करना चाहता सिख्स फॉर जस्टिस!

पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई पंजाब में आतंकवाद के जिन्न को फिर से जिंदा करने की कोशिश में लगी है. इसके लिए उसने खालिस्तानी संगठनों को न केवल हथियार और पैसा, बल्कि भारत विरोधी प्रचार करने का जिम्मा भी सौंपा है. ऐसा ही एक खालिस्तानी संगठन है 'सिख्स फॉर जस्टिस.' जो अमेरिका के न्यूयॉर्क से अपनी दुकान चलाता है. रेफरेंडम 2020 नाम का विवादित सोशल मीडिया दुष्प्रचार अभियान शुरू करने के बाद अब इस संगठन ने शांति भंग करने के लिए तिरंगा जलाओ अभियान शुरू किया है. इस विवादित अभियान के तहत खालिस्तानी उग्रवादी सिखों को 26 जनवरी तक तिरंगा जलाने के लिए उकसा रहे हैं.

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रामगोपाल ने उठाया मेरिट का सवाल, तो अमित शाह ने याद दिलाया 'मुस्लिम आरक्षण'

सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने के मुद्दे पर बुधवार को राज्यसभा में तीखी बहस हुई. सदन में चर्चा के दौरान जब समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव बोल रहे थे तब उनके और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के बीच तीखी बहस छिड़ गई. रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार जो बिल ला रही है उससे कोई लाभ नहीं होगा, तब तुरंत अमित शाह ने उन्हें मुस्लिम आरक्षण की याद दिला दी.

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