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श्रीश्री रविशंकर के मेगा शो को लेकर NGT ने पूछे तीखे सवाल...

श्रीश्री रविशंकर के प्रोग्राम को लेकर एनजीटी में बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी. याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मामले से जुड़े तमाम सरकारी विभागों से सवाल पूछे.

अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 11:38 PM IST

श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के यमुना किनारे होने वाले कार्यक्रम को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने मंगलवार को इस मामले से जुड़े तमाम सरकारी विभागों से सवाल पूछे. एनजीटी ने तमाम विभागों से उनके पक्ष से किए गए काम को लेकर सवाल पूछे और खामियों को गिनाया.

DDA से NGT के सवाल
सवाल- NGT ने डीडीए से पूछा कि आपने कोई अध्ययन किया कि रविशंकर के कार्यक्रम के बाद यमुना किनारे हालात कैसे होंगे? सवाल- NGT ने पूछा कि क्या आपके अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया, और क्या अब के हालात और कार्यक्रम के बाद के हालात की तुलना करने की कोशिश की? सवाल- इसके अलावा NGT ने DDA से पूछा कि इस कार्यक्रम का पर्यावरण और जैविक विविधता पर क्या असर पड़ेगा, इसका कोई आंकलन किया गया है?

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दिल्ली सरकार से NGT ने पूछा
सवाल- एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आपने किस आधार पर कार्यक्रम की इजाजत दी थी? जवाब- दिल्ली सरकार ने जवाब में कहा कि हमने केवल बाढ़ संबंधित मंजूरी दी थी. पर्यावरण संबंधित इजाजत देने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है. साथ ही दिल्ली सरकार ने एनजीटी से कहा है कि कार्यक्रम को लेकर दिल्ली पुलिस और फायर विभाग की तरफ से परमीशन नहीं दी गई है. इस पर अभी विचार किया जा रहा है.

यूपी सरकार से NGT के सख्त सवाल
सवाल- एनजीटी ने यूपी प्रशासन से पूछा कि किस आधार पर इस कार्यक्रम के लिए यमुना किनारे 15 हेक्टेयर की जमीन पार्किंग के लिए दे दी गई? सवाल- रविशंकर के कार्यक्रम से यमुना को कोई क्षति नहीं पहुंचेगी, इसके लिए क्या प्रशासन के पास कोई जादुई तरकीब है?

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केंद्र सरकार से NGT के सवाल
सवाल- क्या कार्यक्रम के बाद पर्यावरण पर होने वाले असर का आंकलन किया गया? सवाल- क्या आपने कार्यक्रम के मद्देनजर कोई ब्रिज बनाने की भी अनुमति दी? सवाल- क्या केंद्र सरकार ने यमुना नदी को होने वाली क्षति कोई लेखा-जोखा तैयार किया है?

आयोजन से नुकसान के लिए शिकायत
पर्यावरणविदों ने शुरुआत में ही समारोह को लेकर नियमों के उल्लंघन और यमुना को होने वाले नुकसान को लेकर सवाल उठाया था. इस विवाद के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण ने श्री श्री रविशंकर को समारोह की इजाजत देने से मना करने की बात कहते हुए आयोजकों से तैयारी रोकने के लिए कहा. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को डीडीए ने कहा कि उसे समारोह के इतने बड़े पैमाने पर किए जाने की जानकारी नहीं थी.

इस मामले में NGT में बुधवार को भी सुनवाई होगी और तमाम विभागों के जवाबों पर गौर किया जाएगा. गौरतलब है कि आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के 35 साल पूरे होने के मौके पर यमुना के किनारे तीन दिनों के लिए 'विश्व संस्कृति महोत्सव' आयोजित किया जाना है. यह आयोजन 11 से 13 मार्च तक किया जाएगा.

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