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संसद में माननीयों को परोसे जाने वाले खाने की कीमत को लेकर अक्सर बहस होती रहती है. नए साल की पहली तारीख से संसद की कैंटीन में मिलने वाले व्यंजनों की कीमतें बढ़ गई हैं. समय-समय पर होने वाले विवादों को देखते हुए संसद की कैंटीन के ये दाम बढ़ाए गए हैं.
लोकतंत्र के मंदिर संसद में शुक्रवार को मेन्यू में रेट लिस्ट बदल गई और 18 रुपये में मिलने वाली वेज थाली की कीमत बढ़ाकर 30 रुपए कर दी गई है, जबकि 33 रुपये में मिलने वाली नॉनवेज थाली अब 60 रुपये में मिलेगी.
छह साल बाद हुआ है बदलाव
नए रेट के मुताबिक, पहले 61 रुपये में मिलने वाला थ्री-कोर्स मील अब 90 रुपये में मिलेगा जबकि 29 रुपये में मिलने वाली चिकन करी की थाली अब 40 रुपये में मिलेगी. इन कीमतों में बदलाव छह साल बाद हो रहा है और समय-समय पर कीमतों की समीक्षा की जाती रही है.
'पैसा दे सकते हैं तो ना लें सब्सिडी'
खुले बाजार में बेहिसाब मूल्य वृद्धि के बावजूद संसद कैंटीन में सब्सिडी के साथ परोसे जाने वाले खाने की कीमत को लेकर समय-समय पर विवाद हुआ है जिसे देखते हुए कीमतों में वृद्धि करने का फैसला लिया गया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजु ने कहा कि सांसद जब पैसा दे सकते हैं तो उनको देना चाहिए, सब्सिडी नहीं लेनी चाहिए.
'समीक्षा के बाद बदला गया रेट'
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, 'संसद की कैंटीन में खाने की कीमतें समय-समय पर लोगों के बीच चर्चा का विषय रही हैं. इसी बात को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने संसद की खाद्य समिति को इस पर ध्यान देने के लिए कहा था. जिसके चलते अब ये समीक्षा की गई कि कैंटीन में खाने के दाम बढ़ने चाहिए.'
लोकसभा अध्यक्ष ने लिया महत्वपूर्ण फैसला
जानकारी के मुताबिक, समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कई फैसले लिए जिनमें से यह फैसला सबसे महत्वपूर्ण रहा कि संसद की कैंटीन अब 'गैर मुनाफा, गैर नुकसान' के आधार पर काम करेगी. इसमें कहा गया है कि विभिन्न भोजन सामग्रियों की कीमतें बढ़ा दी गई हैं और इन्हें लागत की मूल कीमत पर बेचा जाएगा.