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नोटबंदी के 50वें दिन जनता मोदी सरकार के फैसले से निराश

पीएम नरेंद्र मोदी ने 50 दिन का वक्त मांगते हुए 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को कागज टुकड़ा बताकर नोटबंदी का ऐलान किया था. नोटबंदी के दौरान एटीएम से कैश निकालने से लेकर बैंक में नगद जमा करने और कैश निकालने की लिमिट तय की गई थी. 28 दिसंबर को 50 दिन पूरे होने पर आजतक ने लोगों से जाना कि आख़िर अब उनकी मोदी सरकार से क्या उम्मीदें हैं.

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सबा नाज़/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:44 AM IST

पीएम नरेंद्र मोदी ने 50 दिन का वक्त मांगते हुए 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को कागज टुकड़ा बताकर नोटबंदी का ऐलान किया था. नोटबंदी के दौरान एटीएम से कैश निकालने से लेकर बैंक में नगद जमा करने और कैश निकालने की लिमिट तय की गई थी. 28 दिसंबर को 50 दिन पूरे होने पर आजतक ने लोगों से जाना कि आख़िर अब उनकी मोदी सरकार से क्या उम्मीदें हैं.

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आजतक की टीम ने दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में आईसीआईसीआई बैंक का दौरा किया, यहां पिछले दिनों की बजाय कतार कुछ कम नजर आई. शाहदरा से कनॉट प्लेस आए पुनीत ने बताया कि उनके इलाके में कैश नहीं इसलिए उन्हें यहां आना पड़ा. लेकिन पुनीत कनॉट प्लेस के आईसीआईसीआई बैंक में पिछले 2 दिनों से कैश नहीं आने की वजह से नाराज हैं क्योंकि उन्हें बैंक आने के लिए अपने जॉब से छुट्टी लेनी पड़ी और इस छुट्टी के लिए बकायदा उनकी सैलरी भी काटी गई. 50 दिन बाद मोदी सरकार से उम्मीद के सवाल पर पुनीत ने हताश होते हुए कहा कि 'हम अपना पैसा लेने के लिए धक्का खा रहे हैं. मुझे मोदी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है उम्मीद ख़त्म हो गई है.'

राजवीर ने सरकार से उम्मीद के सवाल पर कहा कि 'सिंडिकेट बैंक में 24 हजार की जगह हमें 10 हजार देने का दवाब बनाया जाता है. सरकार को नोटबंदी के बाद बैंक में पर्याप्त स्टॉक रखना चाहिए. हमें लगता है नोटबंदी के बाद भी हमें कैश नहीं मिलेगा.' हेमंत का कहना है कि 'मोदी सरकार को बैंक से कैश निकालने की लिमिट बढ़ा देनी चाहिए. साथ ही एटीएम से कैश निकालने की लिमिट 5 हजार तक होनी चाहिए.'

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