Advertisement

अफजल के नारे लगाने को नहीं, बल्कि अच्छी रिसर्च के लिए मिला JNU को अवॉर्ड :जावड़ेकर

जावड़ेकर ने यह बात तब कही जब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केवल जेएनयू का नाम लेने पर सवाल उठाया था. कांग्रेस के आरोप का जवाब देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि राष्ट्रपति ने जेएनयू को शीर्ष विश्वविद्यालय का पुरस्कार अच्छे अनुसंधान के लिए दिया था

लोकसभा में बोले जावड़ेकर लोकसभा में बोले जावड़ेकर
BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 1:23 PM IST

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अरसे से खाली पड़े एससी-एसटी के लिए आरक्षित शिक्षकों के खाली पदों को भरने की बात कही, साथ ही इस बात को रेखांकित किया कि जेएनयू को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था इसलिए उसका नाम लिया है.

खड़गे ने उठाये थे सवाल
जावड़ेकर ने यह बात तब कही जब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केवल जेएनयू का नाम लेने पर सवाल उठाया था. कांग्रेस के आरोप का जवाब देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि राष्ट्रपति ने जेएनयू को शीर्ष विश्वविद्यालय का पुरस्कार अच्छे अनुसंधान के लिए दिया था. जेएनयू को अफजल के नारों, कुलपति को एक दिन बंधक बनाने के लिए नहीं मिला.

Advertisement

खाली स्थान को भरने का प्रयास
दरअसल जावड़ेकर सदन में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विग्यान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान दूसरा संशोधन विधेयक, 2016 पर हुई चर्चा के जवाब में विश्वविद्यालयों में रिक्तियों को भरने के बारे में सरकार के प्रयासों की जानकारी दे रहे थे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में खाली पदों की जानकारी विश्वविद्यालयों की वेबसाइटों के साथ यूजीसी और एआईसीटीई की वेबसाइटों पर भी 24 घंटे स्क्रीन पर चलेगी. हम ऐसी स्थिति लाने का प्रयास करेंगे कि अभ्यर्थी वाक-इन-इंटरव्यू दे सकें.

100 से ज्यादा प्रोफेसर करेंगे ज्वॉइन
जावड़ेकर ने कहा कि जेएनयू में सालों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा दिव्यांगों के लिए आरक्षित शिक्षकों के सैकड़ों पद भरे ही नहीं गये, हमने इस कार्यक्रम को लिया है. जेएनयू में 100 से ज्यादा एससी-एसटी और 25 दिव्यांग प्रोफेसर ज्वॉइन करेंगे. इस पर सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मंत्री केवल जेएनयू का नाम क्यों ले रहे हैं. देश के और भी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. आप इस मामले को अलग क्यों कर रहे हैं.

Advertisement

राष्ट्रपति ने दिया था अवॉर्ड
इस पर जावड़ेकर ने कहा कि वह जेएनयू को अलग नहीं कर रहे बल्कि उसका जिक्र इसलिए किया है क्योंकि कुछ दिन पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस विश्वविद्यालय को देश के शीर्ष संस्थान के तौर पर सम्मानित किया था. जावड़ेकर ने कहा कि देश में कई केंद्रीय, राज्य स्तर के और निजी विश्वविद्यालयों में बहुत पद खाली हैं. हम केंद्रीय संस्थानेां में खाली पद भरने के प्रयास कर रहे हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement