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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोष में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी एक दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आ गई है.नलिनी को पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए एक दिन की पैरोल पर रिहा किया गया है. वह वेल्लौर जेल से बुधवार सुबह चेन्नई के लिए रवाना हुई. उसके साथ 10 पुलिसकर्मी भी भेजे गए हैं.
कोर्ट ने नलिनी को कोत्तुरपुरम में होने वाले अंतिम संस्कार में जाने की इजाजत दी है. यह छूट बुधवार सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक के लिए दी गई है.
प्रभाकरण के इशारे पर हुई थी हत्या
लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण के कहने पर 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. इस साजिश में दर्जनों लोग शामिल थे. इस मामले में 24 मई 1991 को सीबीआई की स्पेशल टीम ने केस दर्ज किया. घटनास्थल पर मिले सबूतों में एक कैमरा और उसकी तस्वीरें भी थीं.
उम्रकैद में बदली थी नलिनी की फांसी
सीबीआई जांच के दौरान करीब 100 लिट्टे समर्थकों ने साइनाइड खाकर जान दी थी. राजीव गांधी हत्याकांड का मास्टर माइंड सिवरासन ने भी जान दे दी थी. सीबीआई कुल 26 लोगों को कानून के कटघरे में लाने में कामयाब हुई. नलिनी मुरुगन, संथन और पेरारिवलन समेत 26 लोगों पर मुकदमा चला. निचली अदालत ने इन सभी को फांसी की सजा सुनाई. साल 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी, संथन और पेरारिवलन की सजा बरकरार रखी.
पहले कई बार नामंजूर हो चुकी थी अर्जी
राज्य सरकार ने 24 अप्रैल 2000 को उसकी क्षमादान याचिका को मंजूर करते हुए फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था. अक्तूबर 2007 में भी नलिनी के समय पूर्व रिहाई के अनुरोध को अधिकारियों ने खारिज कर दिया था. नलिनी ने साल 2010 में भी जेल से बाहर आने की अर्जी लगाई थी. तब मद्रास हाई कोर्ट की बेंच ने इसे खारिज कर दिया था.