
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने गुरुवार को मित्तल गैंग रेप केस की सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपों में एक हद तक सच्चाई लगती है और ये साफ हो गया है कि बलात्कार हुआ था.
जस्टिस एसएस सरन और जस्टिस दर्शन सिंह की बेंच ने कहा कि 'बलात्कार हुआ था और अपराधियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.'
कोर्ट ने कहा कि हरियाणा की ओर से गठित एसआईटी को इन आरोपों की जांच करनी चाहिए. साथ ही उन अज्ञात लोगों पर शिकंजा कसना चाहिए जो अपहरण और बलात्कार जैसे संगीन अपराधों में शामिल थे.
कोर्ट ने वारदात के चश्मदीद बॉबी जोशी और राज कुमार के बयान को दोहराते हुए कहा कि 'महिलाओं को खींचकर खेतों में ले जाया गया.'
बेंच ने ये भी कहा कि खेतों से मिले महिलाओं के अंडर गारमेंट्स की जांच के बाद पता चला कि वहां रेप हुआ था.
चश्मदीद के बयानों को कोर्ट रूम मे पढ़कर सुनाया गया जिसमें लिखा था कि 'सुखदेव ढ़ाबे के पास 3-4 लड़कों ने एक लड़की को उसके बालों से पकड़कर खींचा और झाड़ियों की तरफ ले गए जहां से उसके चिल्लाने की आवाजें आ रही थी वो मदद की गुहार लगा रही थी.' कोर्ट की ये टिप्पणी उस वक्त सामने आई है जब हरियाणा सरकार ने इस तरह की किसी वारदात से इनकार करते हुए कह दिया कि 'कोई भी पीड़ित सामने नहीं आई.' अब इस केस की सुनवाई 28 फरवरी को होगी.