
केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जनवरी को सभी केंद्रीय मंत्रियों की बैठक बुलाई है. इसे कैबिनेट फेरबदल से पहले की कवायद माना जा रहा है. माना जा रहा है कि यूपी चुनाव की तैयारी के लिए यह फेरबदल किया जा रहा है. इसमें यूपी के कुछ सांसदों को मंत्री पद दिया जा सकता है.
इसी महीने होगा यह बदलाव
अंग्रेजी अखबार एशियन एज ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि गृह, रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालयों में कोई फेरबदल नहीं किया जाएगा. ऊर्जा सहित दूसरे मंत्रालयों में फेरबदल किया जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि यह कैबिनेट विस्तार या फेरबदल 27 जनवरी के बाद इसी महीने के भीतर कर लिया जाएगा.
किसे मिल सकता है मंत्री पद
असम में विधानसभा चुनाव होने हैं. अबकी बार बीजेपी वहां सरकार बनाने का सपना देख रही है. इसे देखते हुए असम से सांसद रमन देका को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. वह असम की मंगलडोई सीट से दूसरी बार सांसद बने हैं. वह 2006 में असम बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वहीं, बिहार से पूर्व सीएम सुशील कुमार मोदी को राज्यसभा के रास्ते कैबिनेट में लाया जा सकता है.
जेटली और पर्रिकर भी बदलेंगे!
वहीं, दूसरी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रक्षा और वित्त मंत्रालय में भी बदलाव हो सकता है. अरुण जेटली दोबारा रक्षा मंत्री बन सकते हैं. वहीं, पीयूष गोयल प्रमोट होकर वित्त मंत्री बनाए जा सकते हैं. जेटली अभी वित्त मंत्री हैं, वहीं रक्षा का जिम्मा मनोहर पर्रिकर पर है. गोयल के पास पावर और कोल मिनिस्ट्री हैं. पहले वित्त और रक्षा दोनों मंत्रालय जेटली के ही पास थे. नवंबर 2014 में पर्रिकर को गोवा से लाया गया था. यह साफ नहीं है कि पर्रिकर को क्या जिम्मा दिया जाएगा.
यह बदलाव क्यों?
जाने वाले मंत्रियों का क्या होगा
जाने वाले मंत्री बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नई टीम में शामिल किए जा सकते हैं. शाह का भी अगले तीन साल के लिए अध्यक्ष बने रहना तकरीबन तय है. 27 जनवरी को होने वाली मंत्रियों की बैठक बीते एक महीने में दूसरी है. पहली बैठक 17 दिसंबर को हुई थी.
अब तक सिर्फ एक बार बदलाव
नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट ने 26 मई, 2014 को शपथ ली थी. उसके बाद उनकी कैबिनेट में सिर्फ एक बार नवंबर, 2014 में बदलाव हुआ था. उसी बदलाव के वक्त मनोहर पर्रिकर को केंद्र लाया गया था और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. पर्रिकर के अलावा तब बड़े चेहरों में शिवसेना के सुरेश प्रभु भी शामिल थे, जिन्हें रेल मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था. 9 नवंबर 2014 तक सदानंद गौड़ा रेल मंत्री थे. चौदह महीने बीत गए, तब से मोदी की कैबिनेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है.