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SC में होगी गर्भपात से जुड़े कानून की समीक्षा, केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से मांगा जवाब

24 हफ्ते के गर्भ वाली महिला ने गर्भपात की मांग की है, लेकिन कानूनन 20 हफ्ते तक गर्भपात की इजाजत है. महिला का कहना है कि डॉक्टरों के मुताबिक उसके गर्भ में पल रहा भ्रूण सामान्य नहीं है.

शुक्रवार को होगी सुनवाई शुक्रवार को होगी सुनवाई
लव रघुवंशी/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 12:45 PM IST

गर्भपात से जुड़े कानून की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. एक महिला की याचिका पर इस मुद्दे पर सुनवाई शुक्रवार को होनी है. इस संबंध में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. इस तरह की एक पीआईएल पहले से लंबित है

दरअसल, 24 हफ्ते के गर्भ वाली महिला ने गर्भपात की मांग की है, लेकिन कानूनन 20 हफ्ते तक गर्भपात की इजाजत है. महिला का कहना है कि डॉक्टरों के मुताबिक उसके गर्भ में पल रहा भ्रूण सामान्य नहीं है. उसके मानसिक विकारों के साथ जन्म लेने की आशंका है.

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24 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात की मांग करने वाली महिला की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र को भी नोटिस भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद मामले में आदेश देंगे. खुद को रेप पीड़ित बताने वाली महिला का कहना है कि उसका भ्रूण सामान्य नहीं है. आंतों की समस्या के साथ ही मस्तिष्क भी विकसित नहीं हो रहा है. बच्चे के पैदा होते ही मर जाने की आशंका है. महिला ने 20 हफ्ते तक ही गर्भपात की मंजूरी के कानून की समीक्षा की भी मांग की है.

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