
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने इस बार बिना इंतजार कराए 28 मई की रात तटीय केरल पर दस्तक दे दी है. जहां मौसम विभाग का आंकलन था कि मॉनसून इस साल सामान्य रहने के साथ-साथ 1 जून को केरल के तटीय इलाकों में दस्तक दे देगा, मॉनसून के तीन दिन जल्द आने से देशभर में लोगों को राहत पहुंची है. मौसम विभाग ने ताजा अनुमान जारी करते हुए बताया है कि इस साल देश के अलग-अलग हिस्सों में मॉनसून की चाल कैसी रहेगी है. किस राज्य में कब मॉनसून देगा दस्तक और किस राज्य से शुरू होगी मॉनसून की विदाई.
मौसम विभाग का अनुमान है कि सामान्य मॉनसून और समय से पहले आया मानसून इस साल खरीफ फसल के लिए वरदान साबित होगा और इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम करेगा. गौरतलब है कि यह दक्षिण-पश्चिम मॉनसून देश में कुल बारिश का 70 फीसदी रहता है और देश की 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए बारिश के तौर पर रक्तसंचार का काम करता है.
मौसम विभाग के मानसून की चाल पर जारी ग्राफ के मुताबिक 28 मई को मानसून ने पहली दस्तक केरल के तटों पर दी. इसके बाद 29 मई को मानसून की पहली बारिश केरल के अधिकांश भाग और दक्षिणी तमिलनाडु में देखने को मिली. गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने श्रीलंका के तटीय इलाके में पहली दस्तक 25-26 मई को दी जिसके बाद मौसम विभाग का आंकलन था कि 1 जून को यह केरल के तटीय इलकों तक पहुंच जाएगा. लेकिन दक्षिण-पूर्व अरब सागर में कम दबाव के क्षेत्र के चलते मानसून ने केरल तट पर 3 दिनों पहले दस्कत दे दी है. इसी कम दबाव के क्षेत्र के चलते तटीय केरल और कर्नाटक के कई क्षेत्रों में जोरदार बारिश देखने को मिल रही है.
मौसम विभाग का अनुमान है कि अरब सागर में इसी कम दबाव के क्षेत्र के चलते देश में कई राज्यों में मानसून जल्द दस्तक दे सकता है, हालांकि अगले 4-5 दिनों में अरब सागर में सामान्य स्थिति के बाद मानसून की चाल मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक देखने को मिलेगी.
30 मई से 1 जून: मौसम विभाग का आंकलन है कि इस दौरान मानसून सेंट्रल अरेबियन सी, केरल के बचे हुए हिस्से, दक्षिण और तटीय कर्नाटक और बंगाल की खाड़ी समेत पूर्वी-केन्द्र और उत्तरी-केन्द्र पश्चिम बंगाल में मानसून की बारिश देखने को मिलेगी. अरब सागर में जारी कम दबाव के क्षेत्र के चलते मध्य भारत, पश्चिमी तट और उत्तर भारत के कुछ इलाकों में तेज हवा के साथ-साथ छिट-पुट बारिश देखने को मिलेगी.
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 1 जून तक समूचे केरल, तटीय कर्नाटक , सब-हिमालयन पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और नगालैंड समेत मणिपुर, मेजोरम और त्रिपुरा में तेज बारिश देखने को मिलेगी. गौरतलब है कि भारत का यह अहम दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत में दो जगहों से एंट्री करता है. पहली एंट्री श्रीलंका से होते हुए अरब सागर के दबाव में केरल के तट पर होती है. वहीं मानसून की दूसरी एंट्री बंगाल की खाड़ी में दबाव के चलते बंगाल और नार्थ-ईस्ट के राज्यों में होती है.
2 जून से 3 जून: मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान सब-हिमालयन पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में तेज बारिश का अनुमान है. वहीं इस दौरान उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ आंधी और तूफान की स्थिति देखने को मिलेगी. वहीं इस दौरान उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में छिट-पुट बारिश भी देखने को मिलेगी.
4 जून से 6 जून: मौसम विभाग के मुताबिक इस दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून अंडमान निकोबार समेत समूचे दक्षिण भारत, केन्द्रीय भारत, उत्तर तराई के इलाके और पश्चिमी हिमालय के क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ मानसून पूरी तरह अपनी पकड़ बना लेगा.