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SC की फटकार: कैसे हो उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर की पूजा कभी नहीं दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के प्रबंधन समिति को फटकार लगई है. कोर्ट ने मंदिर में लगे नोटिस बोर्ड को हटाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने कभी ऐसा आदेश नहीं दिया कि धार्मिक अनुष्ठान कैसे किए जाएं और भस्म आरती कैसे हो.

फाइल फोटो फाइल फोटो
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के प्रबंधन समिति को फटकार लगई है. कोर्ट ने मंदिर में लगे नोटिस बोर्ड को हटाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने कभी ऐसा आदेश नहीं दिया कि धार्मिक अनुष्ठान कैसे किए जाएं और भस्म आरती कैसे हो.

बता दें कि मंदिर में लगे एक नोटिस बोर्ड पर लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पूजा के नियम बनाए गए हैं.

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पूजा-पद्धति से कोई लेना- देना नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर मैनेजमेंट कमेटी को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि पूजा-पद्धति से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. इससे जुड़े सारे बोर्ड को हटाया जाए. अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी. बता दें कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल में शिवलिंग के क्षरण (आकार छोटा होना) को लेकर दायर पिटीशन पर सुनवाई करते हुए एक्सपर्ट कमेटी के 7 सुझावों पर सहमति दी थी.

नहीं दिया कोई आदेश

शिवलिंग के क्षरण से जुड़ी पिटीशन पर सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने उन बोर्ड की फोटो मांगी, जिन पर लिखा है कि पूजा के नए नियम सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लागू हुए हैं. फोटो देखने के बाद जस्टिस मिश्रा ने कहा, “महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती कैसे हो? शिवलिंग को सूती कपड़े से ढकना है या नहीं? ऐसा कोई आदेश हमने नहीं दिया. पंचामृत पर भी कुछ नहीं कहा. महाकालेश्वर की पूजा से कोर्ट का कोई लेना-देना नहीं.

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