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भारत असहिष्णु नहीं, सहिष्णुता हमारे DNA में हैः श्री श्री रविशंकर

ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर नहीं मानते कि देश में असहिष्णुता है. उन्होंने कहा कि इस देश की मुख्यधारा की जनता बहुत सहिष्णु है.  सहिष्णुता हमारे डीएनए में है.

श्री श्री रविशंकर श्री श्री रविशंकर
विकास वशिष्ठ
  • नई दिल्ली,
  • 06 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

देश में असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि उन्हें देश असहिष्णु नहीं लगता. रविशंकर ने यह भी कहा कि अवॉर्ड लौटाना कहीं सही नहीं है. यह देश की छवि के लिए ठीक नहीं था.

रविशंकर ने कहा कि इस देश की मुख्यधारा की जनता बहुत सहिष्णु है. और मैं तो कहूंगा कि यह हमारे डीएनए में है. आप यह नहीं कह सकते कि देश अचानक असहिष्णु हो गया है.

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अवॉर्ड वापसी को बताया त्रासदी
रविशंकर ने कहा, 'मैं असहिष्णुता पर जारी बहस से असहमत हूं. देश में कुछ तत्व हैं, लेकिन आप यह नहीं कह सकते कि देश की पूरी जनता ही असहिष्णु हो गई है. अवॉर्ड वापसी अभियान एक त्रासदी है. मैं उन सभी लोगों का सम्मान करता हूं जिन्हें अवॉर्ड मिला है.'

आमिर, शाहरुख पर क्या कहा?
रविशंकर से यह भी पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है शाहरुख खान और आमिर खान गलत थे, जो कह रहे थे कि देश धीरे-धीरे असहिष्णु हो रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि वे दोनों पहले ही मान चुके हैं कि यह सच नहीं है.

समस्या कानून व्यवस्था की है
रविशंकर ने कहा, 'मैं नहीं मानता कि लोग अतिवादी हो रहे हैं. समस्या कानून व्यवस्था की है और यह कोई नई नहीं है. यह देश में कई साल से है. सवा अरब लोगों के इस देश में ऐसी आपराधिक घटनाएं होती हैं. आप उन घटनाओं से देश की छवि खराब नहीं कर सकते.'

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बीफ बैन पर क्या कहा?
बीफ बैन पर रविशंकर ने कहा कि लोगों को यह फैसला करने की आजादी होनी चाहिए कि उन्हें क्या खाना है और क्या नहीं. और जहां तक मुझे लगता है, यह आजादी है. सिवाय कुछ तय दिनों के. जैसे गांधी जयंती और गोकुलाष्टमी पर कुछ तय नियम हैं. यह जनप्रतिनिधियों का फैसला है.

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