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50 लाख रुपये के दो चेक बाउंस होने के मामले में हैदराबाद के कोर्ट ने बुधवार को किंगफिशर के मालिक विजय माल्या को दोषी करार दिया है. माल्या को 5 मई को सजा सुनाई जाएगी.
जारी हो चुका था गैरजमानती वारंट
जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने माल्या के खिलाफ 50 लाख रुपये के दो चेक बाउंस होने का केस किया था. बुधवार को लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने माल्या और बाकी लोगों को दोषी करार दिया. इसके पहले इसी साल 13 मार्च को विजय माल्या के खिलाफ कोर्ट
ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. कोर्ट ने पुलिस को माल्या को 13
अप्रैल तक पेश करने के आदेश दिए थे.
पांच मई को पेश होने का आदेश
इस बीच कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ ताजा गैर जमानती वारंट जारी कर उन्हें 5 मई तक अदालत के सामने पेश होने का आदेश दिया. हैदराबाद के इरामंजिल स्पेशल कोर्ट के जज ने इस मामले में विजय माल्या और किंगफिशर के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर ए रघुनाथन को दोषी करार दिया.
हैदराबाद में माल्या के खिलाफ 11 केस
दरअसल, जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तरफ से माल्या के चेक बाउंस होने और भुगतान न कर पाने पर उन पर केस चलाने की अपील दायर की थी, जिसके बाद माल्या और रघुनाथ के खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया. एयरपोर्ट के अधिकारियों ने हैदराबाद में किंगफिशर एयलाइंस के खिलाफ 11 केस दर्ज कराए हुए हैं. इससे पहले हैदराबाद की अदालत ने माल्या और रघुनाथ को 10 मार्च तक पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन पेशी नहीं होने के चलते अदालत ने एक और वारंट जारी कर दिया.
रघुनाथन ने ठहराया था माल्या को जिम्मेदार
माल्या के साथ बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी ए रघुनाथन के खिलाफ भी 10 मार्च को गैर जमानती वारंट जारी किया गया. रघुनाथ 11 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय के सामने हाजिर हुए थे. निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक, रघुनाथ ने किंगफिशर के वित्तीय संकट के लिए माल्या को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वह उनके अधीन काम करते थे.