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जेटली पर देशद्रोह का आरोप लगाने वाले मजिस्ट्रेट का निलंबन

हाई कोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, गोयल का निलंबन उनके द्वारा अनियमितता के बाद किया गया है. निलंबन के आदेश में कहा गया कि गोयल को पहली नजर में 'न्यायिक कार्य में अविवेकपूर्ण तरीका अपनाने' का दोषी पाया गया.

इलाहाबाद हाई कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट
स्‍वपनल सोनल
  • इलाहाबाद,
  • 13 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:03 AM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर देशद्रोह का आरोप लगाने वाले न्यायिक अधिकारी अंकित गोयल को शनिवार को निलंबित कर दिया गया है. ऐसा इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के आदेश से हुआ है. गोयल महोबा के कुलपहाड़ में जुडि‍शल मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत थे.

हाई कोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, गोयल का निलंबन उनके द्वारा अनियमितता के बाद किया गया है. निलंबन के आदेश में कहा गया कि गोयल को पहली नजर में 'न्यायिक कार्य में अविवेकपूर्ण तरीका अपनाने' का दोषी पाया गया. अंकित गोयल ने इस पद पर रहते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को नोटिस जारी कर कोर्ट में तलब किया था. यही नहीं, उन्होंने एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ वारंट जारी कर उन्हें भी कोर्ट में तलब किया था. दोनों नेताओं को मजिस्ट्रेट के इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट की शरण लेनी पड़ी थी.

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अधिकार क्षेत्र में नहीं था तलब करना
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने हाई कोर्ट में मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि मजिस्ट्रेट को उन्हें कोर्ट में नोटिस जारी कर तलब करने का अधिकार नहीं था. बावजूद इसके उन्होंने तलब किया. जस्टिस यशवंत वर्मा ने जेटली की याचिका को मंजूर कर मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया था और कहा था कि किसी मजिस्ट्रेट को किसी भी मामले का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई करने का अधिकार नहीं है. मजिस्ट्रेट सिर्फ आईपीसी और सीआरपीसी के अंतर्गत दर्ज अपराधों की ही सुनवाई कर सकता है.

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