
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान और उनकी पत्नी और बेटे की जमानत अर्जी पर सोमवार को वकीलों की हड़ताल के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. अब इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी. सांसद आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे को रामपुर से सीतापुर जेल में शिफ्ट किए जाने के मामले में भी कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगी. आजम खान के वकील खलील उल्ला खान ने जेल शिफ्टिंग को लेकर आपत्ति दाखिल की थी, जिस पर बहस होगी.
आजम खान के वकील खलील उल्ला खान ने अपने क्लाइंट के खिलाफ हुई कार्रवाई पर कहा कि आजम खान का जेल में ट्रांसफर बदले की भावना के चलते किया गया, वरना क्या जरूरत थी कि उन्हें रामपुर से ट्रांसफर किया जाता. खलील उल्ला खान ने कहा कि अगर कोई ऐसी जरूरत थी तो कानूनन उनको अदालत से इजाजत लेने की जरूरत थी. अब अदालत से इजाजत लेने के लिए जो प्रोविजन उन्होंने (प्रशासन) दिया है, हमारी आपत्ति के बाद वह प्रोविजन उनके केस पर लागू नहीं होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जो प्रोविजन सरकार की तरफ से दिया गया है, वह दोषी या जिन्हें सजा दे दी जाए उन लोगों पर वह लागू होता है.
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वकील खलील उल्लाह खान ने कहा, जो हमारा ऐतराज था, उसे देखते हुए कोर्ट दोनों पक्षों को मौका देने के बाद उस पर सुनवाई करती और न्यायिक आदेश पास करती. ऐसी सूरत में आवेदन या तो मंजूर होता या खारिज कर दिया जाता. अगर कानून में ऐसा प्रावधान था तो आवेदन मंजूर हो जाता और अगर ऐसा प्रावधान नहीं था तो वह रिजेक्ट हो जाता. लेकिन एक तरफा फैसला लेकर रामपुर से उन्हें जेल ले जाया गया और फिर वहां से अचानक ट्रांसफर कर दिया गया.
बता दें, सांसद आजम खान पर कई दर्जन मुकदमे दर्ज हैं. कई मुकदमों में आजम खान के साथ उनकी पत्नी और विधायक डॉ. तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम भी आरोपी हैं. इन सब पर दर्ज मुकदमों की सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान तीनों में कोई अदालत में हाजिर नहीं हो रहा था. इसके बाद अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट और संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया था. चार जनवरी, 2019 को गंज कोतवाली पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
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मुकदमे में आरोप है कि अब्दुल्ला आजम के दो-दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाए गए हैं. एक प्रमाणपत्र रामपुर नगर पालिका से और दूसरा लखनऊ के अस्पताल से जारी किया गया. इस मामले में पुलिस ने सांसद समेत उनकी पत्नी विधायक और बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. तीनों के खिलाफ अप्रैल, 2019 में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी. चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने सुनवाई शुरू की. तब से तीनों कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे थे.(आईएएनएस से इनपुट)