
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने ‘उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017’ को मंजूरी दे दी है. इसके मुताबिक अवैध शराब पीने से मौत होने पर इसके निर्माण में शामिल लोगों को मौत की सजा तक हो सकती है.
उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017’ से संबंधित पत्रावली 26 सितम्बर, 2017 को राज्यपाल के अनुमोदन हेतु राजभवन को प्राप्त हुई थी.
यह अध्यादेश अवैध मदिरा के विषाक्त होने और उसके सेवन से जनहानि की घटनाओं से संबंधित है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अवैध शराब को लेकर एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के आबकारी कानून में संशोधन करने करने की बात कही थी.
करीब दस दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अवैध रूप से बनाई गई शराब के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्ती बरतने के प्रयास के तहत ऐसे लोगों को मौत की सजा देने के प्रावधान को मंजूरी दी गई थी.
अवैध रूप से शराब बनाने और बेचने के कारोबार पर सख्ती से रोक लगाने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में इस कानून में आजीवन कारावास और मौत की सजा के प्रावधानों को जोड़ने को मंजूरी दे दी गई.
आबकारी कानून 1910 के मौजूदा विभिन्न प्रावधानों को और मजबूत किया गया, साथ ही मौजूदा परिस्थितियों के हिसाब से उनमें कुछ नई चीजें जोड़ी गई हैं.