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सहारनपुर तनाव को लेकर घेरे में आई उत्तर प्रदेश सरकार अब इस मामले की गहराई में जाना चाहती है. सहारनपुर हिंसा के पीछे किसका हाथ है? आखिर क्या भीम पार्टी का सक्रिय होना एक इत्तेफाक है या एक सोची हुई साजिश? सूत्रों की मानें तो पुलिस और जांच एजेंसियां कई ऐंगल पर काम कर रही हैं.
भीम आर्मी की फंडिंग
पिछले दो महीने में भीम आर्मी के अकॉउंट में एकाएक पैसे ट्रांसफर हुए हैं. सोशल मीडिया के जरिए भीम आर्मी ने आर्थिक सहायता की अपील की है. यही नहीं भीम आर्मी से जुड़े लोगों ने अपने फेसबुक अकॉउंट से भी संगठन के लिए फंड मांगे हैं. शामली के नीटू गौतम के फेसबुक अकॉउंट पर पेटीएम ट्रांसफर के लिए नंबर भी दिया गया है. भीम आर्मी को मिले 45-50 लाख रुपए की जांच हो रही है. वहीं हवाला के जरिए फंडिंग पर भी जांच एजेंसियों की नजर है.
सियासी दलों का समर्थन
सूत्रों के मुताबिक भीम आर्मी के युवा अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को हाल ही में कुछ सियासी दलों से प्रोत्साहन मिल रहा था. एजेंसियों को शक है कि भीम आर्मी को मदद करने में बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार का भी हाथ हो सकता है. पिछले एक महीने में हिंसा भड़कने के बाद भीम आर्मी को कैश में आर्थिक मदद पहुंचाने की कोशिश की गई है. अब इसके पीछे कौन है और किसको फायदा पहुंचाने की कोशिश है इसकी पड़ताल की जा रही है.
कांग्रेस के रोल की जांच
सूत्रों के मुताबिक भीम आर्मी को संभवतः स्थानीय कांग्रेस नेता इमरान मसूद का भी स्पोर्ट मिला था. ये सपोर्ट सिर्फ वैचारिक था या आर्थिक रूप से यह भी जांच के दायरे में है. सूत्रों के मुताबिक पिछले एक दो महीने से इमरान मसूद भीम पार्टी के टच में थे या नहीं इस एंगल पर भी पड़ताल चल रही है.
देहरादून के बैंक एम्प्लॉई का रहस्य
आज तक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक भीम आर्मी को आर्थिक मदद दिलाने में देहरादून के एक बैंक अधिकारी के रोल की पड़ताल की जा रही है. कथित तौर पर इस कर्मचारी ने पेटीएम और अन्य माध्यमों के जरिए भीम आर्मी को भारी राशि ट्रांसफर की है.
उपद्रवियों को चिन्हित करने के लिए जनता की लेगी मदद
पुलिस प्रशासन अब जनता से भी दंगों के मोबाइल वीडियो और तस्वीरों को पुलिस के साथ साझा करने की अपील करेगी. इनके जरिए मुख्य अरोपियों और शरारती तत्वों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस बेकसूर लोगों को तंग नहीं करेगी. इसके अलावा मीडिया से भी फुटेज लिया जाएगा.
जीरो टॉलरेंस के आदेश
सहारनपुर तनाव के लिए चारों तरफ से आलोचना झेलने के बाद वहां तैनात आला अधिकारियों के तबादले किये गए. अब हरकत में आए प्रशासन को लखनऊ से दंगाईयों के प्रति जीरो टॉलरेंस रखने के आदेश दिए गए हैं.