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यूपीः बाढ़ से बेहाल हुआ पूर्वांचल- गंगा, यमुना, सरयू और सोन नदी का कहर जारी

पूर्वांचल यानी पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका जारी है. इलाके मे गंगा, यमुना, सरयू, घाघरा और सोन नदी का कहर बढ़ता जा रहा है. इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, मुगलसराय, गाजीपुर और बलिया जिले में बाढ़ का कहर सबसे ज्यादा दिख रहा है.

पूर्वांचल में बाढ़ का एरियल व्यू पूर्वांचल में बाढ़ का एरियल व्यू
केशव कुमार/कुमार अभिषेक
  • इलाहाबाद,
  • 22 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 12:52 PM IST

पूर्वांचल यानी पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका जारी है. इलाके मे गंगा, यमुना, सरयू, घाघरा और सोन नदी का कहर बढ़ता जा रहा है. इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, मुगलसराय, गाजीपुर और बलिया जिले में बाढ़ का कहर सबसे ज्यादा दिख रहा है. बलिया जिले में कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं.

बलिया में गंगा और घाघरा का कहर
उत्तर प्रदेश के बलिया में भी गंगा और घाघरा नदी तबाही मचा रही है. बाढ़ के कहर से 58 गांवों के 68 हजार लोग जूझ रहे हैं. इनको बचाने के लिए एनडीआरएफ और पीएसी की फ्लड यूनिट टीम दिन भर बचाव और राहत अभियान में जुटी हुई है. वहीं एनएच-31 को बचाने के लिए जिला प्रशासन काफी मशक्कत कर रहा है. बाढ़ पीड़ितों की मानें तो वह दो दिनों से भूखे हैं और बाढ़ का पानी पीकर जिंदा हैं.

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बलिया के जिलाधिकारी ने इस बारे में कहा कि एनएच-31 को टूटने से बचाने के लिए और बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं. जहां तक नजर जा रही है सिर्फ तबाही ही नजर आ रही है. बैरिया तहसील के नौरंग, भुआल छपरा गांव पूरी तरह टापू बन चुका है. कोई छत पर भूखे प्रशासन का इंतजार कर रहा है, तो किसी की आंखें मसीहा के आने का इंतजार कर रहा है. मगर जब एनडीआरएफ की टीम छोटी बोट लेकर उन तक पहुंचे तो उन लोगों ने टापू से बाहर आने से इनकार कर दिया. क्योंकि उनके बेजुबान जानवर को वह इस घड़ी में छोड़ कर आना नहीं चाहते. उनकी मानें तो प्रशासन ने उन तक अभी कोई मदद नहीं पहुंचाया है.

बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने और एनडीआरएफ टीम को दिशा निर्देश देने पहुंचे जिलाधिकारी की मानें तो पहले 1700 लोगों को बचाने के लिए ये 35 सदस्यीय NDRF टीम को नौरंग और भुवाल छपरा भेजा जा रहा है. NDRF की कुछ और टीम बुलाई गई हैं. एनएच-31 को कटाव से बचाने के लिए उसके किनारे बालू से भरी बोरी और मिट्टी डाली जा रही है. अधिकारी ने दावा किया कि बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है.

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गाजीपुर में डीएम के बंगले में घुसा बाढ़ का पानी
गाजीपुर में बाढ़ का आलम ये हो गया है कि जिलाधिकारी भी हुए बाढ़ग्रस्त हो गए हैं. उनके बंगले में और सड़क पर पानी घुस चुका है. इसके साथ शहर के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी जमा हो गया है. जिलाधिकारी के अनुसार जनपद में दो सौ गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इससे लगभग डेढ़ लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं. उन्होंने पच्चीस गांव खाली कराने के आदेश भी दे दिए हैं.लोगों से अपील भी की जा रही है कि वो जल्द ही बाढ़ राहत केंद्रों पर पहुंचे.

इलाहाबाद में सड़कों पर चल रही है नाव
संगम नगरी इलाहाबाद में गंगा और यमुना में आई बाढ़ ने अब तबाही मचानी शुरू कर दी है. बाढ़ के पानी ने तमाम निचले इलाकों को अपनी आगोश में ले लिया है. दोनों नदियों में आई बाढ़ से तमाम मोहल्लों और गांवों में पानी भर गया है. रास्ते डूब गए हैं और सड़कों पर नावें चल रही हैं. गंगा-यमुना ने यहां वार्निंग प्वाइंट को पार कर लिया है और तेजी से खतरे के निशान को भी पार कर चुकी है. प्रशासन ने एलर्ट जारी कर निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी है.

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इलाके के सैकड़ों मकानों में आठ से दस फिट तक पानी भर गया है. किसी की गृहस्थी डूब गई है तो किसी की फसल चौपट हो गई है. लोग अपने घर-बार को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने लगे हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत देश के कोने-कोने से संगम आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है. सभी घाट और आरती स्थल बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं.

वाराणसी में नहीं दिख रहा है कोई भी घाट
बाढ़ से धार्मिक राजधानी वाराणसी का हाल बेहाल है. अपने गंगा घाटों के लिए मशहूर वाराणसी के सभी घाट डूब चुके हैं. वाराणसी में वरुणा और गंगा का कहर जारी है. यहां पानी अब भी एक इंच प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.

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