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सहारनपुर पर राजनीतिः राहुल गांधी के दौरे से बढ़ी सियासी गर्मी

कांग्रेस उपाध्यक्ष को रोकने के लिए प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर रखे थे. बैरिकेड लगाकर खुद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, आईजी जोन, सहारनपुर के जिलाधिकारी, सहारनपुर के एसएसपी सब मौके पर मौजूद थे.

सहारनपुर में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहारनपुर में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
अहमद अजीम
  • सहारनपुर ,
  • 27 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:30 PM IST

जातीय हिंसा से प्रभावित सहारनपुर पर सियासी संग्राम शुरू हो गया है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की शनिवार को सहारनपुर जाने से राजनीतिक गर्मी एक बार फिर बढ़ गई है. अनुमति न होने के बावजूद सहारनपुर जाने की जिद पर अड़े राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं के साथ पैदल सहारनपुर पहुंचे. पढ़िए राहुल के दौरे को लेकर दिन भर चली उठापटक की टाइमलाइन...

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राहुल गांधी के शेड्यूल के मुताबिक उन्हें 12 से 12:30 तक यमुनानगर के रास्ते सहारनपुर आना था. इससे काफी पहले कांग्रेस नेता पी एल पुनिया, इमरान मसूद वगैरह बॉर्डर पर बने यमुना पल पर कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद थे.

राहुल को रोकने के लिए प्रशासन ने लगा दी जान
कांग्रेस उपाध्यक्ष को रोकने के लिए प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर रखे थे. बैरिकेड लगाकर खुद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, आईजी जोन, सहारनपुर के जिलाधिकारी, सहारनपुर के एसएसपी सब मौके पर मौजूद थे.

राहुल के आने से पहले सभी गाड़ियों की जांच की जा रही थी. इसकी वजह से यमुनानगर और सहारनपुर के बीच बने यमुना पुल पर भारी जाम लग गया. जब पुनिया और इमरान से इस पर सवाल किया गया कि क्यों इजाजत नहीं होने के बावजूद राहुल आ रहे हैं, तो कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ये सब प्रशासन की लापरवाही और जानबूझ कर करवाया जा रहा है.

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पंजाबी ढाबे पर प्रशासन ने किया पूरा इंतजाम
पहले ये तय था कि राहुल इजाज़त नहीं होने के बावजूद यमुना पल तक आएंगे और आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे. पुल के पास ही पिकेट लगाया गया था, लेकिन कुछ देर में इमरान मसूद ने बताया कि प्रशासन ने पुल से करीब 1 किलोमीटर आगे बने एक पंजाबी ढाबे पर सारे इंतजाम कर दिए हैं.

करीब 2 बजे राहुल यमुना पल पर पहुंचे और वहां भी पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जहां पुलिस से उनकी हल्की नोक-झोंक हुई.

ढाल बनकर खड़ा हो गया प्रशासनिक हमला
इसके बाद राहुल और दूसरे नेता पैदल ही ढाबे तक आने के लिए आगे बढ़े. साथ में उनके ढेरों समर्थक भी चल रहे थे. इन लोगों के आगे बढ़ने पर दोनों तरफ का रास्ता/हाईवे पुलिस ने बंद कर दिया. सहारनपुर के अंदर ढाबे के पास पूरा प्रशासनिक अमला एक ढाल बना कर तैयार खड़ा था. खुद सारे आला अधिकारी हेलमेट वगैरह पहन कर तैयार थे.

राहुल गांधी ढाई बजे ढाबे पर पहुंचे. काफी ऑफर तफरी का माहौल था, क्योंकि जगह काफी छोटी थी, जिसमें राहुल पीड़ित परिवारों से मिल रहे थे. राहुल की सुरक्षा में लगे एसपीजी के जवानों से भी मीडिया कर्मियों की नोक झोंक हुई.

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क्या सिर्फ दलितों से मिलेंगे राहुल गांधी
करीब डेढ़ घंटे रुकने के बाद राहुल निकल कर गाड़ी में आकर बैठ गए. बाकी नेता भी उनके साथ हो लिए. 5 मिनट बाद फिर गाड़ी से निकले और वहीं ढाबे के टॉयलेट में गए और वापिस उस तरफ चले गए जहां वो पहले बैठे थे. यहां उन्होंने अब मीडियाकर्मियों से बात की.

इसके बाद राहुल गांधी जाने लगे, तो राजपूत समुदाय के शख्स ने तेज आवाज में कहा कि क्या सिर्फ दलितों से ही मिलेंगे. उसी दौरान एक दलित समुदाय का व्यक्ति भी आ गया.

पुनिया बोले- दोनों समुदाय से मिलना चाहते थे राहुल
तेज आवाज में बोल रहा राजपूत व्यक्ति अपने आप को कांग्रेस कार्यकर्ता बता रहा था, जब पी एल पुनिया से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दोनों समुदाय से मिलना चाहते थे. वो सामाजिक सौहार्द के लिए आए थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें मिलने नहीं दिया.

पुनिया ने कहा कि जो आदमी शोर मचा रहा है वो बीजेपी का आदमी है ना कि कांग्रेस का.

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