Advertisement

उत्तराखंड में मनपसंद पोस्टिंग के लिए चल रहा है ये फर्जीवाड़ा

बयान देते हुए नेताजी शायद यह भूल गए कि अगर उनका आरोप सही है तो फिर जितना बड़ा अपराध सरकारी महिला कर्मचारियों ने किया है उससे भी कहीं ज्यादा बड़ा अपराध त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने किया है.

फर्जी तरीके से मनपसंद पोस्टिंग हासिल कर रही हैं उत्तराखंड सरकार में कार्यरत महिलाएं फर्जी तरीके से मनपसंद पोस्टिंग हासिल कर रही हैं उत्तराखंड सरकार में कार्यरत महिलाएं
रोहित
  • देहरादून,
  • 28 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:41 AM IST

अभी महिला क्रिकेटर्स के ऊपर बलात्कार को लेकर दिए बयान पर उत्तराखंड की सरकार अपने दामन से साफ सफाई में ही जुटी थी कि एक और नया बयान देकर उत्तराखंड के केंद्रीय मंत्री अरविंद पांडेय ने सरकार को असहज कर दिया है. इस बार उन्होंने सीधे-सीधे सरकारी महिला कर्मचारियों को निशाने पर लिया है.

बयान देते हुए नेताजी शायद यह भूल गए कि अगर उनका आरोप सही है तो फिर जितना बड़ा अपराध सरकारी महिला कर्मचारियों ने किया है उससे भी कहीं ज्यादा बड़ा अपराध त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने किया है.

Advertisement

अपराध संगीन फिर भी मेहरबान हैं मंत्री

पूरे देश मे तलाक को लेकर बवंडर मचा है. महिलाओं खुद को इस जंजाल से निकालने के लिए जहां एक तरफ लड़ाई छेड़ रखी है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में सरकारी महिला कर्मचारियों ने तलाक के फर्जी कागजात के जरिए अपनी पोस्टिंग का खेल, खेल रही हैं वो भी मुख्यमंत्री की नाक के नीचे. कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय की मानें तो ऐसे महिला और पुरुष कर्मचारियों की कमी नहीं जो वाकई में ऐसे फर्जी प्रमाण पत्रों का सहारा लेकर सुगम स्थल की पोस्टिंग का लुत्फ उठा रहे हैं. हालांकि अरविन्द पांडेय इसको अपराध की संज्ञा में ना रखकर उनकी मजबूरी बता रहे हैं.

जीरो टॉरलेंस नीति पर काम करने का दावा करने वाली त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार के लिए यह खबर असहज करने वाली है. मंत्री अरविन्द पांडेय खुद इस बात का इकरार कर रहे हैं. महिलाएं अपनी पोस्टिंग देहरादून में ही सुनिश्चित करने के लिए अपने पति के द्वारा दिये गए तलाक के फर्जी कागजात दे रही हैं और कुछ महिलाएं तो बाकायदा अपने पति के जीवित रहते हुए और साथ रहते हुए भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र देकर अपनी पोस्टिंग देहरादून में करवा कर संगीन अपराध को अंजाम दे चुकी हैं.

Advertisement

ये कैसा जीरो टॉलरेन्स है?

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्त्री की शपथ लेते ही ये संदेश दे जनता को खुश कर दिया था कि उत्तराखंड में अब जीरो टॉलरेंस की सरकार होगी. न अपराधी को बख्शा जाएगा और न ही भ्रष्टाचारी को ऐसे में ईमानदार छवि रखने वाले त्रिवेंद्र अपने सामने ही अपराध होते हुए कैसे देख सकते हैं?

बात चाहे महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के यौन शोषण की हो या फिर सरकारी तंत्र में खुद उनके ही कार्यालय क्षेत्र में कार्यरत महिला कर्मचारियों की, आखिर क्या वजह है कि मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं. सवाल कई हैं पर जवाब सिर्फ और सिर्फ प्रदेश के मुखिया के पास ही हैं अगर मंत्री सही हैं तो अपराधी को सजा मिले और नही तो फिर त्रिवेंद्र सरकार के लिए मंथन का समय है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement