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क्यों सड़कों पर उतरीं दिल्ली की लड़कियां ?

नए साल के मौके पर बंगलुरु में हुए मास मोलेस्टेशन ने महिलाओं की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल उठा दिया था. इस दुर्घटना को भले ही कुछ दिन बीत गए हों लेकिन इस घटना की गूंज आज भी राजधानी दिल्ली में सुनाई दे रही है.

बंगलुरु केस के विरोध में सड़क पर उतरी दिल्ली की लड़कियां बंगलुरु केस के विरोध में सड़क पर उतरी दिल्ली की लड़कियां
स्वाति रस्तोगी
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:08 AM IST

नए साल के मौके पर बंगलुरु में हुए मास मोलेस्टेशन ने महिलाओं की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल उठा दिया था. इस दुर्घटना को भले ही कुछ दिन बीत गए हों लेकिन इस घटना की गूंज आज भी राजधानी दिल्ली में सुनाई दे रही है.

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इस हादसे से दिल्ली की लड़कियों पर कितना गहरा असर हुआ है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शनिवार को दिल्ली की लड़कियां सडकों पर उतरीं. सड़क पर उतरने का मकसद कोई प्रोटेस्ट नहीं बल्कि एक छोटी सी मांग के जरिए लोगों तक बहुत ही स्ट्रॉन्ग मेसेज देना था. मेसेज सिर्फ इतना की 'आई विल गो आउट'.

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बाराखंबा रोड पर शनिवार शाम को अलग-अलग एरिया की लड़कियां सड़कों पर उतरीं. सबकी जुबान पर सिर्फ एक ही स्लोगन 'आई विल गो आउट' था. इस पहल से जुड़ी रेशल ने बताया, 'ऐसा नहीं है कि बंगलुरु में जो हुआ उसके बाद हम ये कदम उठा रहें हैं. लड़कियों का मोलेस्टेशन कभी रुका ही नहीं था. हम लोगों को बताना चाहते हैं कि अब बहुत हो गया. सड़कों पर हमारा भी उतना ही अधिकार है, जितना कि पुरुषों का.'

इस पहल में पहली बार हिस्सा ले रही रिया ने बताया, 'हमारा शहर हमारे लिए इतना सेफ होना चाहिए कि हम जब मर्जी चाहें सड़क पर या फिर किसी भी पब्लिक प्लेस पर बेखौफ घूम सकें. सरकार को हमारी सेफ्टी के लिए कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए.' 'आई विल गो आउट' नाम की इस पहल को पूरे देश में एक साथ 20 शहरों में एक ही समय पर शुरू किया गया. ये मार्च बाराखंबा से जंतर मंतर तक निकाला गया. इस मार्च में आवाज उठा रहीं महिलाओं को पुरुषों का भी साथ मिला. वरुण ने बताया, 'बहुत सह लिया लड़कियों ने अब सबको मिलकर आगे आना चाहिए, और अपनी बहू बेटियों की आवाज बननी चाहिए.'

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इस मार्च में हिस्सा ले रहीं लड़कियों को पूरी उम्मीद है कि इस पहल से समाज में एक सकरात्मक बदलाव जरूर आएगा.

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