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साहित्य आजतक

'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से नवाजे गए जावेद अख्तर और अमीश त्रिपाठी, इन 9 साहित्यकारों को मिला अवॉर्ड

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:58 AM IST
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हिंदी फिल्मों के मशहूर पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर को आजतक साहित्य जागृति सम्मान-लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. 'साहित्य आजतक 2023' के मंच पर जावेद अख्तर ने अपने जीवन के कई दिलचस्प किस्से सुनाए. उन्होंने 26/11 मुंबई टेरर अटैक पर पाकिस्तान में दिए अपने बयान के बारे में कहा, 'हम वहां थोड़ी लड़ने गए थे. हम अच्छी खासी बात कर रहे थे. कहते हैं न कि बादाम खा रहे होते हैं तो बीच में एक कड़वा बादाम भी आ जाता है. तो वहां भी एक कड़वा बादाम आ गया था. जावेद अख्तर पाकिस्तान में एक कार्यक्रम में शिरकत करने गए थे, जहां उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा था, 'मुंबई हमले को अंजाम देने वाले लोग आपके मुल्क में आज भी आजाद घूम रहे हैं. अगर यह शिकायत हर हिंदुस्तानी के दिल में है तो, आपको बुरा नहीं मानना चाहिए'.

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'साहित्य आजतक 2023' में लेखक ज्ञान चतुर्वेदी को पुरुष श्रेणी में 'आजतक साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान' से नवाजा गया. ज्ञान चतुर्वेदी हिंदी भाषा के लेखक और व्यंग्यकार हैं. वह अपने व्यंग्य उपन्यासों, 'बारामासी' और 'नरक यात्रा' के लिए जाने जाते हैं. उन्हें 2015 में भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया था.
 

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लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने 'साहित्य आजतक 2023' में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. उन्होंने 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' के विजेताओं को पुरस्कार दिया. उनके साथ मंच पर इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन व एडिटर इन चीफ अरुण पुरी और वाइस चेयरपर्सन कली पुरी उपस्थित रहे. बता दें कि यह साहित्य आजतक का छठा संस्करण था, जो 24 नवंबर से शुरू होकर 26 नवंबर तक चला.

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'साहित्य आजतक 2023' में लेखक तौसीफ बरेलवी को 'आजतक साहित्य जागृति भारतीय भाषा प्रतिभा सम्मान' से नवाजा गया. उन्हें लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने पुरस्कार दिया. तौसीफ बरेलवी मूल रूप से हिंदी और उर्दू में लेखन करते हैं. एक चाकू का फासला, ज़हन ज़ाद, नोज पीस, ऐश-ट्रे, पिज्जा-बॉय उनके मशहूर कहानी संग्रह हैं. नज़र-ए-सर सैयद उनकी और एक मशहूर कृति है.

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रश्मि भारद्वाज 'आजतक साहित्य जागृति युवा लेखिका सम्मान' की दूसरी विनर रहीं. रश्मि मुजफ्फरपुर, बिहार की रहने वाली हैं. उन्होंने अंग्रेजी साहित्य से एम.फिल्, पी-एच.डी. करने के बाद भारतीय विद्या भवन, नयी दिल्ली से पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल किया है. ‘एक अतिरिक्त अ’, ‘मैंने अपनी मां को जन्म दिया है’ उनके प्रमुख कविता संग्रह हैं. उन्होंने रस्किन बॉन्ड के कहानी संग्रह एवं साहित्य अकादेमी विजेता हांसदा सोवेन्द्र शेखर के कहानी संग्रह ‘आदिवासी नहीं नाचेंगे’ का हिंदी अनुवाद किया है. प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में विविध विषयों पर उनके लेख प्रकाशित होते रहते हैं.
 

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'साहित्य आजतक 2023' में किंशुक गुप्ता को 'आजतक साहित्य जागृति युवा लेखक सम्मान' से नवाजा गया. किंशुक गुप्ता एक मेडिकल छात्र, द्विभाषी लेखक, कवि और अनुवादक हैं. वह प्रमुख अखबारों में कॉलम भी लिखते हैं.'ये दिल है की चोरदरवाजा' उनकी पहली किताब है, जिसे वाणी प्रकाशन ने छापा है. यह एलजीबीटी मुद्दे पर एक लघु कहानी संग्रह है.
 

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अनुराधा बेनीवाल 'आजतक साहित्य जागृति युवा लेखिका सम्मान' की पहली विनर रहीं. अनुराधा बेनीवाल  हरियाणा के रोहतक जिले के खेड़ी महम गांव की रहने वाली हैं. वह पेशेवर शतरंज खिलाड़ी भी हैं. अनुराधा राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता 2015 की विजेता रह चुकी हैं. उन्होंने 16 वर्ष की आयु में विश्व शतरंज प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया. मिजाज से घुमक्कड़ अनुराधा अपनी घुमक्कड़ी का आख्यान ‘यायावरी आवारगी’ नामक पुस्तक-शृंखला में लिख रही हैं. ‘आजादी मेरा ब्रांड’ इस शृंखला की पहली किताब है.

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'साहित्य आजतक 2023' में अमीश त्रिपाठी को 'आजतक साहित्य जागृति लोकप्रिय लेखक सम्मान' से नवाजा गया. अपने लेखन के बारे में बात करते हुए अमीश ने कहा कि मैं प्रकाशक के कहने पर अपनी पुस्तक में कोई बदलाव नहीं करता. लेखन में किसी भी तरह की कोई कंट्रोवर्सी पैदा नहीं करता. उन्होंने कहा कि मेरी भविष्य में आने वाली पुस्तकें धर्म और संस्कृति पर आधारित होंगी. अमीश त्रिपाठी का नाम दुनिया के कुछ सर्वाधिक पढ़े जानें वाले लेखकों में शामिल है. उन्हें 'द शिवा ट्राइलॉजी' और 'राम चंद्र सीरीज' के लिए जाना जाता है.

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