Advertisement

PM नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नमामि गंगे’ को मंजूरी, 20,000 करोड़ रुपये का बजट

गंगा की सफाई और संरक्षण से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोग्राम ‘नमामि गंगे’ को बुधवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी और इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया.

PM नरेंद्र मोदी (फाइल) PM नरेंद्र मोदी (फाइल)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2015,
  • अपडेटेड 11:45 PM IST

गंगा की सफाई और संरक्षण से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोग्राम ‘नमामि गंगे’ को बुधवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी और इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम को मंजूरी दी गई, जिसके अंतर्गत एकजुट प्रयासों से गंगा नदी को व्यापक ढंग से स्वच्छ और संरक्षित किया जाएगा.

Advertisement

इस कार्यक्रम के लिए पिछले तीन दशक में नदी की सफाई और संरक्षण पर जितना धन खर्च किया गया है, उसमें चार गुणा बढ़ोतरी करते हुए 20,000 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई.

1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 462 करोड़ रुपये की लागत वाले ‘गंगा एक्शन प्लान’ को मंजूरी दी थी, जिसका मुख्य उद्देश्य नदी का प्रदूषण रोकना और इसके पानी की गुणवत्ता को बेहतर बनाना था. हालांकि यह देश की सबसे प्रदूषित नदी है, जिसका प्रदूषण स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ‘सुरक्षित’ बताए गए प्रदूषण के स्तर से तीन हजार गुना अधिक है.

बनाए जाएंगे फील्ड कार्यालय
इस योजना के कार्यान्वयन में एक बड़ा बदलाव किया गया है, जिसके अनुसार सरकार ने बेहतर और सतत परिणाम हासिल करने के लिए नदी के किनारों पर रहने वाले लोगों को इस परियोजना में शामिल करने पर जोर दिया है.

Advertisement

सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘अतीत से सबक लेते हुए कार्यक्रम में राज्यों और शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थानों जैसे शुरुआती स्तर के संस्थानों को इसके कार्यान्वयन में शामिल किया जाएगा.’ इसके अनुसार कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और राज्यों में इससे संबद्ध संगठनों के द्वारा पूरा किया जाएगा. इसके अलावा मिशन में जहां जरूरी होगा फील्ड कार्यालय स्थापित किए जाएंगे.

योजना के लिए 10 साल का समय
गंगा को स्वच्छ करने के उद्देश्य से पहले में चलाई गई योजनाओं के असंतोषपूर्ण नतीजों जैसी हालत फिर न हो इसके लिए केन्द्र ने कम से कम 10 वर्ष की अवधि के लिए देने की योजना बनाई है. योजना को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत केन्द्र ने क्षेत्रीय सैन्य इकाई के तौर पर गंगा इको टास्क फोर्स की 4 बटालियन बनाने का फैसला किया है. इसके अलावा प्रदूषण पर नियंत्रण और नदी के संरक्षण के लिए एक कानून बनाने पर अलग से विचार हो रहा है.

-इनपुट भाषा

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement