
प्रधानमंत्री चौथी बार लाल किले से भाषण देने की तैयारी में हैं. लाल किले पर इस कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारी हो चुकी है. इस बार पीएम मोदी का भाषण काफी अहम होने की उम्मीद है क्योंकि अपने पिछले मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि इंडिपेंडेंस डे की उनकी स्पीच देश के 125 करोड़ नागरिकों की आवाज होगी. इस बार अपने भाषण के लिए पीएम ने आम आदमी की राय मांगी थी. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि लाल किले के प्राचरी से 15 अगस्त को होने वाले मोदी के भाषण में क्या बातें हो सकती हैं. हमने कुछ ऐसे मुद्दे चुने हैं जो हो सकता है कि पीएम मोदी के भाषण में शामिल हो सकें.
बिहार राजनीति
हाल ही में बिहार में बड़ी राजनीतिक उठापटक हुई है. इसकी खास बात यह है कि ये हुई भ्रष्टाचार के नाम पर है. नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार में संलिप्तता और उस पर सफाई ना देने के चलते अपनी सहयोगी पार्टी आरजेडी का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. मोदी इस मामले को सनद रख 'भ्रष्टाचार मुक्त भारत' बनाने की अपील कर सकते हैं.
चर्चा चल रही है कि देश में बड़े चुनाव सुधार के तौर पर कई राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ करवाने की तैयारी चल रही है. मोदी इस बात की चर्चा कई बार कर चुके हैं कि चुनावों में बहुत ज्यादा आर्थिक और जन हानि होती रहती है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस चुनाव सुधार की बात कही थी. प्रणब ने चुनाव आयोग से कहा था कि वह राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श करके दोनों चुनाव साथ कराने के विचार को आगे बढ़ाए.
उम्मीद है कि चीन सीमा विवाद को भी मोदी अपने भाषण में जगह दे सकते हैं. दरअसल चीनी मीडिया इन दिनों लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है. ऐसे में मोदी के लिए चीन को उत्तर देने के लिए यह सबसे उपयुक्त स्थान और समय होगा. इससे पूरे विश्व को भी एक संदेश जाएगा कि भारत अब किसी की गीदड़भभकियों से डरने वाला नहीं है.
पीएम मोदी अपने भाषण में दक्षिण भारत की राजनीतिक उथलपुथल का जिक्र भी कर सकते हैं. एआईडीएमके के दोनों गुट अब किसी भी समय एक हो सकते हैं. मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के बीच चल रहा गतिरोध टूट सकता है. दोनों गुटों के मध्य विलय के जबरदस्त आसार बन रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसमें ना केवल दिलचस्पी ले रहे हैं बल्कि पहल भी कर रहे हैं. उनका मकसद है कि दोनों गुटों के विलय के बाद इन्हें पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह वापस मिल जाये. इसके बाद उसे एनडीए में शामिल कर तमिलनाडु की राजनीति में बीजेपी अपना पांव जमाना चाहती है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में दोनों धड़ों ने एनडीए उम्मीदवारों का समर्थन किया था.
आने वाले विधानसभा चुनावों पर नजर
मोदी इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव वाले राज्यों पर भी अपने भाषण में बात कर सकते हैं. गुजरात और हिमाचल प्रदेश की विधानसभाओं के लिए इस साल के अंत तक चुनाव होने हैं. दोनों ही प्रदेश भारी बारिश और बाढ़ से परेशान हुए हैं. मोदी बाढ़ का जायजा लेने गुजरात दौरे भी गए थे. ऐसे में बाढ़, रेस्क्यू ऑपरेशन और अन्य योजनाओं का सहारा लेकर मोदी इन राज्यों की चर्चा कर सकते हैं.