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AMU से जिन्ना की तस्वीर के साथ संसद से सावरकर की भी तस्वीर हटेः शहला राशिद

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. आजतक की ओर से आयोजित पंचायत 'जिन्ना एक विलेन पर जंग क्यों' पर बहस के दौरान जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद और AISA की डीयू विंग की प्रमुख कंवलप्रीत कौर ने जिन्ना के साथ ही सावरकर की भी तस्वीर हटाने की मांग की.

शहला राशिद और कंवलप्रीत कौर शहला राशिद और कंवलप्रीत कौर
राम कृष्ण/निशांत चतुर्वेदी
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2018,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. आजतक की ओर से आयोजित पंचायत 'जिन्ना एक विलेन पर जंग क्यों' पर बहस के दौरान जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद और AISA की डीयू विंग की प्रमुख कंवलप्रीत कौर ने जिन्ना के साथ ही सावरकर की भी तस्वीर हटाने की मांग की.

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शहला राशिद ने कहा कि मारपीट पूरी तरह गलत है, क्योंकि हिन्दू महासभा ने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल में सरकार बनाई थी. ये आरएसएस वाली मानसिकता भी टू नेशन की थ्योरी को सपोर्ट करती है. जिन्ना भी टू नेशन पर यकीन करते थे. कठुआ कांड से ध्यान हटाने के लिए ये विवाद खड़ा किया जा रहा है. अगर जिन्ना की तस्वीर से दिक्कत है, तो सावरकर की तस्वीर क्यों नहीं हटाते?

इस बहस के दौरान कंवलप्रीत कौर ने दावा किया कि टू नेशन थ्योरी का प्रस्ताव सबसे पहले सावरकर ने पेश किया था. उन्होंने कहा कि अगर आपको जिन्ना की तस्वीर से दिक्कत है, तो संसद में लगी सावरकर की फोटो क्यों नहीं हटाते? आप जिन्ना की तस्वीर बेशक हटा दीजिए, लेकिन सावरकर की तस्वीर क्यों लगा रखी है?

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इस दौरान ABVP के मीडिया संयोजक साकेत बहुगुणा ने कहा कि जिस इंसान ने देश को बांटा, उसकी तस्वीर एक सम्मानित स्थान पर लगाना ठीक नहीं है. हालांकि इतिहास के नाम पर जिन्ना की तस्वीर म्यूजियम में हो सकती है. म्यूजियम में इतिहास से जुड़ी तस्वीरें हो सकती हैं. बहुगुणा ने यह भी कहा कि मोरार जी देसाई को मिला निशान-ए-पाकिस्तान सम्मान भी उनके परिवार को वापस कर देना चाहिए. जो व्यक्ति बंटवारे के लिए जिम्मेदार है, उस व्यक्ति की फोटो सम्मानित स्थान पर लगाना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

इसके अलावा एएमयू के छात्र नेता मतीन अशरफ ने कहा कि अगर हमें जिन्ना से मोहब्बत होती, तो एएमयू के हर डिपार्टमेंट में जिन्ना की तस्वीर होती. जिन्ना इतिहास का हिस्सा हैं और इतिहास अच्छा हो या बुरा, नहीं बदल सकता. जिन्ना ने देशों को बांटा, दिलों को बांटा, ये मानते हैं, लेकिन तस्वीर सिर्फ एक जगह से हटाने के लिए बवाल क्यों किया जा रहा है. आप तस्वीर हटाने के लिए कानून लाइए. बीजेपी के लोगों के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है. इसीलिए ये अब जिन्ना की तस्वीर का सहारा ले रहे हैं. जिन्ना के हम समर्थक नहीं हैं.

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