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दिल्ली को अब तक नहीं मिली फ्री वाईफाई, AAP ने अफसरों पर मढ़ा दोष

आप पार्टी ने 2015 में चुनावी रैलियों के दौरान फ्री वाईफाई को अपने 70 सूत्री एजेंडे में शामिल किया था. खासतौर पर  युवाओं के वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने के लिए पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने तमाम जनसभा में फ्री वाईफाई की सुविधा दिलाने की बात करते रहे.

आप पार्टी ने 2015 में किया था फ्री वाईफाई का वादा (फाइल फोटो) आप पार्टी ने 2015 में किया था फ्री वाईफाई का वादा (फाइल फोटो)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2018,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

आम आदमी पार्टी ने 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में फ्री वाईफाई देने का वादा किया था, लेकिन उसके सत्ता में आए 3 साल बीत जाने के बाद भी यह लुभावनी योजना मूर्त रूप नहीं ले सका है. अब पार्टी अधिकारियों और दूसरे वजहों का बहाना बनाने में लगी है.

दिल्ली में फ्री वाईफाई की योजना एक बार फिर सवालों के घेरे में है. सरकार की ओर से पीडब्ल्यूडी विभाग को वाईफाई योजना लागू करने की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन स्टॉफ की कमी और पीडब्ल्यूडी विभाग को वाईफाई तकनीक की कम जानकारी ने इस चर्चित योजना पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है.

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आम आदमी पार्टी के नेताओं ने वाईफाई योजना में हो रही देरी को लेकर अधिकारियों पर निशाना साधा है. 'आप' नेताओं के मुताबिक वाईफाई योजना लागू होने की राह आसान नहीं है. हालांकि आप पार्टी का दावा है कि पार्टी 70 वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और इनमे से एक वाईफाई का वादा पूरा जरूर करेंगे.

2015 में किया था वादा

आप पार्टी ने 2015 में चुनावी रैलियों के दौरान फ्री वाईफाई को अपने 70 सूत्री एजेंडे में शामिल किया था. खासतौर पर  युवाओं के वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने के लिए पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने तमाम जनसभा में फ्री वाईफाई की सुविधा दिलाने की बात करते रहे. साथ ही फ्री वाई-फाई का ऐलान दिल्ली के जंतर मंतर पर '5 साल केजरीवाल' एंथम सांग के साथ किया गया था.

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फरवरी 2015 में ऐतिहासिक 67 सीटों के साथ दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मार्च 2015 में दिल्ली डायलॉग कमीशन ने दिल्लीवासियों से फीडबैक मांगा था कि कैसे पूरे राज्य में "सार्वजनिक वाईफाई' उपलब्ध कराई जाए.

इसके लिए 10 सवालों की एक सूची जारी करते हुए दिल्ली सरकार ने लोगों से व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर (+ 91 9643327265) या ई-मेल के माध्यम से 200 शब्द की प्रतिक्रिया भेजने के लिए कहा था.

साल 2017 में पहले चरण में निःशुल्क वाईफाई सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में 1,000 हॉटस्पॉट बनाए जाने का टारगेट रखा गया जिसके लिए 25 करोड़ भी आवंटित किए गए. पूर्वी दिल्ली में टेंडर के अलावा मार्च 2018 तक वाईफाई देने का टारगेट रखा गया था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

तब दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि मुफ्त वाई-फाई सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार तीन-चार मॉडल पर काम कर रही है. साल 2016 जून में, आप सरकार ने घोषणा की थी कि पूर्वी दिल्ली में 500 से अधिक स्थानों को दिसंबर 2016 तक हाई-स्पीड वाई-फाई जोन बनाया जाएगा, लेकिन यह ऐलान कभी हकीकत नहीं बन सका.

हालांकि हाल ही में खबर आई थी कि स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि इससे पहले पीडब्ल्यूडी ने वाईफाई जैसे तकनीकी प्रोजेक्ट पर काम नहीं किया. सूत्रों की मानें तो वाईफाई का काम फिलहाल शुरुआती स्तर पर ही है और इस मामले में कुछ खास प्रगति लेकर कुछ खास काम आगे नही बढ़ पाया है।

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दिल्ली सरकार ने साल 2018-19 में वाईफाई योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट भी प्रस्तावित किया गया है.

अधिकारियों के रवैये से देरी

वाईफाई की देरी पर आजतक से बातचीत में आप पार्टी के प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि वाईफाई का काम लंबा चौड़ा है. बहुत समय से चहुंमुखी कार्रवाई वाईफाई पर हो रही थी जो अब लॉजिकल अंत पर पहुंच रहा है. वाईफाई आम आदमी पार्टी की महत्वाकांक्षी योजना थी. ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि इसमें कोई अड़ंगा नहीं लगाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि 4 अगस्त के बाद से अत बक एलजी साहब बिना किसी जवाबदेही और जिम्मेदारी के सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं. कई मौकों पर दिल्ली की जनता के खिलाफ फैसले लिए गए. वाईफाई योजना लागू होने की राह आसान नहीं है. हालांकि आप पार्टी 70 वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, इनमें से वाईफाई का वादा पूरा जरूर करेंगे.

उन्होंने अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि दुःख की बात यह है कि जिन इंजीनियर अधिकारियों की जिम्मेदारी समाधान देने की है, वो योजना रोकने के लिए समस्या का पहाड़ खड़ा कर रहे हैं. इंजीनियर रहते हुए मुझसे भी समस्या का समाधान ही पूछा जाता था. अधिकारी जनता के टैक्स के पैसे से सैलरी पाते हैं उन्हें जनता के हित में समाधान ढूंढना चाहिए.

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'आप' विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि पूरी दुनिया मे कई शहरों में वाईफाई है. सरकार के इंजीनियर्स को बहाने बनाने की बजाए काम करके दिखाना चाहिए. कैलिफोर्निया और फ्रांस में वाईफाई के उदारहण हमारे सामने हैं तो दिल्ली में क्यों नहीं.

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