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जंतर-मंतर को लेकर NGT के निर्णय पर फिर से विचार की जरूरत : AAP

AAP का कहना है कि जंतर-मंतर दशकों पुरानी जगह है जहां से वह आवाज बुलंद होती हैं जिसे सत्ता के गलियारों में बैठे जनता के नुमाइंदे या फिर प्रशासन में बैठे अधिकारी नहीं सुनते हैं.

एनजीटी ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शनों पर लगाई रोक एनजीटी ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शनों पर लगाई रोक
मणिदीप शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 9:11 AM IST

राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले धरने-प्रदर्शनों पर रोक लगाने के एनजीटी के फैसले पर आम आदमी पार्टी का मानना है कि हाल ही में एनजीटी को अपने फैसले की पुनर्समीक्षा करनी चाहिए.

AAP का कहना है कि जंतर-मंतर दशकों पुरानी जगह है जहां से वह आवाज बुलंद होती हैं, जिसे सत्ता के गलियारों में बैठे जनता के नुमाइंदे या फिर प्रशासन में बैठे अधिकारी नहीं सुनते हैं. जिस तर्क के आधार पर प्रदर्शन की जगह को स्थानांतरित करने का फैसला दिया गया है, दरअसल उस तर्क की भी गहराई से समीक्षा बेहद जरूरी है.

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AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा, "जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन रोकने वाले NGT के फैसले की पुन: समीक्षा बेहद जरूरी है, क्योंकि जो तर्क एनजीटी द्वारा दिया गया है, उस तर्क के हिसाब से रामलीला मैदान के रूप में नई जगह ज्यादा रिहायशी है और जंतर-मंतर के मुकाबले वहां आस-पास के इलाके में ज्यादा लोग रहते हैं.  एनजीटी द्वारा लाउड-स्पीकर की आवाज को आधार बनाते हुए इसकी जगह बदलने का फैसला दिया गया है, लेकिन नई जगह पर पुरानी जगह से भी ज्यादा लोग रहते हैं, लिहाजा इसकी समीक्षा होनी चाहिए."

उन्होंने कहा, "हम एनजीटी के हर उस प्रयास का सम्मान करते हैं जिससे पर्यावरण को साफ-स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त बनाने में सहायता मिलती हो, लेकिन जंतर-मंतर के इस फैसले पर हमारा मत है कि इस फैसले का पुनरावलोकन होना चाहिए."

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दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार, NDMC और दिल्ली पुलिस से दरख्वास्त करती है कि वो एनजीटी के इस फैसले के पुन:अवलोकन की मांग करें, क्योंकि एनजीटी ने इन्हीं एजेंसियों को अपने फैसले को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी सौंपी है.षयज।

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