
केंद्र सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपील को वापस लेने का फैसला किया है, क्योंकि केंद्र की मौजूदा एनडीए सरकार एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं मानती. पहले यूपीए सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी. हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हैं.
विधानसभा चुनाव के बाद होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी याचिका को वापस लेने के लिए अर्जी लगाने के लिए केंद्र सरकार को 8 हफ्ते का समय दिया है. यानी पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के बाद इसकी सुनवाई होगी. एएमयू की ओर से मोदी सरकार के इस फैसले को चुनौती देने की बात कही गई है.
उप कुलपति की नियुक्ति को दी चुनौती
यूनिवर्सिटी के उप कुलपति जमीरुद्दीन शाह की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ये मानती है कि एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है. केंद्र इस मामले में अपनी अपील वापस लेगी. केंद्र ने हलफनामा अभी तक दायर नहीं किया है क्योंकि कुछ दस्तावेज अभी तैयार नहीं हैं.
कोर्ट ने तीन हफ्ते में मांगा जवाब
इससे करीब दो महीने पहले अटॉर्नी जनरल ने सरकार का पक्ष रखते हुए हलफनामा दाखिल करने की तैयारी की बात कही थी, लेकिन हलफनामा अब तक दाखिल नहीं हुआ है. दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी के मौजूदा उप कुलपति की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पार्टी बनाते हुए तीन हफ्ते में जवाब मांगा है.
नियम के मुताबिक नहीं हुई उप कुलपति की नियुक्ति
याचिका सैय्यद अबरार अहमद ने डाली है. याचिका में कहा गया है कि अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में उप कुलपति की नियुक्ति में यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की गाइडलाइंस को फॉलो नहीं किया गया है.