
आंध्र प्रदेश विधान परिषद (Andhra Pradesh Legislative Council) को खत्म करने पर वाईएसआर कांग्रेस अडिग है. आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने विधान परिषद खत्म करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है. आज सुबह कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया. कैबिनेट की बैठक के बाद विधानसभा सत्र शुरू हुआ, जिसमें विपक्ष की ओर से हंगामा किया जा रहा है.
चंद्रबाबू नायडू ने किया सत्र का बहिष्कार
जगन मोहन कैबिनेट की बैठक के बाद सोमवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हुआ. विशेष सत्र में विधान परिषद को खत्म किये जाने पर चर्चा होगी.
इस दौरान चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के विधायकों ने विधानसभा सत्र के बहिष्कार का फैसला किया है. रविवार को पूर्व सीएम और नेता विपक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने विधायकों की बैठक की और तय किया गया कि टीडीपी के 21 विधायक विशेष सत्र का बहिष्कार करेंगे.
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क्यों विधान परिषद खत्म करना चाहते हैं जगन
आंध्र प्रदेश की विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 58 है. राज्य में भले ही जगन मोहन प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए हों, लेकिन विधानमंडल के उच्च सदन यानी कि विधान परिषद में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी को बहुमत हासिल है. यहां पर टीडीपी के 27 विधायक हैं. जबकि YSRCP के यहां 9 विधायक हैं.
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विधान परिषद में जगन मोहन की एक महात्वाकांक्षी योजना को मुंह की खानी पड़ी है. जगन मोहन आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियां चाहते हैं. इस बावत एक बिल जब विधान परिषद में लाया गया तो टीडीपी के बहुमत वाली विधान परिषद ने इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया. इससे जगन मोहन की ये परियोजना लटक गई.
भंग होकर रहेगी विधान परिषद
YSR कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि विधान परिषद भंग होकर ही रहेगी, चाहे इस काम में कितना भी समय क्यों न लग जाए. YSR कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी इस बात को लेकर एकमत है.