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सचिवों के निलंबन पर DANICS अधिकारियों ने गृह मंत्रालय को लिखी चिट्ठी, फैसला रद्द करने की मांग

सचिवों को सस्पेंड किए जाने से सरकार और उपराज्यपाल के बीच फिर से तकरार बढ़ने के आसार हैं, क्योंकि सीनियर अधिकारियों को सस्पेंड करने का अधिकार सिर्फ उपराज्यपाल को है.

ब्रजेश मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST

दिल्ली में सरकार और पुलिस के बीच चल रही तनातनी के बाद अब अधिकारियों के साथ भी मामला गरमा गया है. कैबिनेट के नोट पर हस्ताक्षर ना करने वाले दानिक्स (DANICS) के दो अफसरों को दिल्ली सरकार द्वारा सस्पेंड करने से तनातनी बढ़ गई है.

इस फैसले से सरकार और उपराज्यपाल के बीच फिर से तकरार बढ़ने के आसार हैं, क्योंकि सीनियर अधिकारियों को सस्पेंड करने का अधिकार सिर्फ उपराज्यपाल को है, जो गृह मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद ही ऐसा कर सकते हैं. सरकार के इस फैसले से नाराज दानिक्स के सभी अधिकारियों ने एक दिन की छुट्टी पर जाने का ऐलान कर दिया है.

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निलंबन के खिलाफ MHA को चिट्ठी
DANICS अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने के दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी गई है. चिट्ठी में निलंबन रद्द करने की मांग की गई है. इस संबंध में अब तक गृह मंत्रालय की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.

IAS एसोसिएशन भी समर्थन में उतरा
दानिक्स अधि‍कारियों के निलंबन को लेकर बुधवार को हुई IAS एसोसिएशन की मीटिंग में फैसला लिया गया है कि सभी अधिकारी गुरुवार को आधे दिन अवकाश पर रहेंगे और लंच के बाद काम पर लौटेंगे. IAS एसोसिएशन ने दानिक्स अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने के विरोध में यह फैसला लिया है. IAS अधिकारियों ने दानिक्स की ओर से पारित किए प्रस्ताव का भी समर्थन किया है.

सत्येंद्र जैन ने की सस्पेंड किए जाने की पुष्टि
जानकारी के मुताबिक, सस्पेंड किए गए दोनों अधिकारी यशपाल गर्ग और सुभाष चंद्र स्पेशल सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थे. वे सबसे ऊंची ग्रेड के प्रशासनिक अधिकारी हैं. बताया जा रहा है कि कैबिनेट के जिस नोट पर दोनों अधिकारियों ने हस्ताक्षर करने से मना किया है वह, सरकारी वकीलों और जेल स्टाफ के वेतन में बढ़ोत्तरी से जुड़ा है. दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी दोनों अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने की पुष्टि की है.

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क्या है नियम?
नियमों के मुताबिक, सिर्फ राष्ट्रपति को ही इन कर्मचारियों की सैलरी तय करने का अधिकार है. हालांकि उपराज्पाल की सहमति से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है, लेकिन मंत्री ने बिना उपराज्यपाल की अनुमति के ही अधिकारियों पर नोटिफिकेशन में हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया. नियमों का हवाला देते हुए अधिकारियों ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया क्योंकि खुद उपराज्यपाल ने भी उन्हें हिदायत दे रखी है कि उनकी सहमति के बिना ऐसे किसी भी कागज पर हस्ताक्षर ना किए जाएं.

दानिक्स एसोसिएशन ने तुरंत बुलाई बैठक
दोनों अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने से नाराज दानिक्स एसोसिएशन ने फौरन बैठक बुलाई. बैठक में फैसला लिया गया कि दोनों के समर्थन में सभी अधिकारी गुरुवार को सामूहिक छुट्टी पर जाएंगे. मीटिंग में यह भी तय हुआ कि अधिकारियों को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए और उनके काम में बाधा ना डाली जाए, इसके लिए भी एसोशिएसन आवाज उठाएगा. एसोसिएशन ने सभी अधिकारियों से छुट्टी के लिए आवेदन करने को कहा है. आगे की रणनीति पर गुरुवार शाम को बैठक होगी.

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