
असम के गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पहली बार ऑपरेशन जल राहत रेस्क्यू और रिलीफ को अंजाम दिया गया. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2015 में कंबाइंड कमांडर कॉन्फ्रेंस में इसका जिक्र किया था. पीएम ने सेनाओं और बाकी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के लिए ऐसे ऑपरेशन की बात की थी.
ऑपरेशन में तीनों सेना के जवान शामिल
दरअसल हर साल बाढ़ से करीब ढाई लाख लोग प्रभावित होते हैं, इसलिए इस अभ्यास के जरिए लोगों को तुरंत राहत पहुंचाने की कवायद है. सेना की हार्न डिवीजन के मेजर जनरल राजीव सिरोही के मुताबिक इस ऑपरेशन से तीनों सेनाओं ने बाढ़ से निपटने के लिए सभी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया. इस ऑपरेशन में चीता हेलीकॉप्टर को लगाया गया.
NDRF की टीम ने भी लिया हिस्सा
वहीं दूसरी तरफ भारतीय वायुसेना के MI17 हेलीकॉप्टर ने बाढ़ प्रभावित इलाके में जाकर मेडिकल इवैक्यूएशन किया और साथ में रिलीफ सप्लाई भी उस इलाके में पहुंचाया, जहां पहुंचना बेहद मुश्किल था. इस पूरे अभ्यास में एनडीआरएफ की तीन यूनिट और असम की एसडीआरएफ की टीम हिस्सा ले रही थी.
गौरतलब है कि पिछले कई सालों में देश ने कई बार बाढ़ की मार झेली है, प्रधानमंत्री मोदी सभी राहत कामों में लगी एजेंसियों में बेहतर तालमेल स्थापित करना चाहते हैं. इसलिए इस अभ्यास के द्वारा भारतीय सेनाओं का राज्यों के बीच सामंजस्य स्थापित किया है.