
बाबूलाल मरांडी को 17 फरवरी 2020 को भव्य कार्यक्रम में बीजेपी में दोबारा शामिल किया गया था. एक हफ्ते बाद ही मरांडी को पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. बीजेपी महासचिव अरुण सिंह ने मरांडी को झारखंड विधानसभा में बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने का ऐलान किया. मरांडी विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे.
मरांडी को ये जिम्मेदारी सौंपने का ऐलान बीजेपी विधायकों की औपचारिक बैठक के बाद हुआ. अरुण सिंह के मुताबिक, मरांडी के पास लंबा अनुभव है, जमीनी नेता होने की वजह से वो जनहित के मुद्दे अच्छी तरह से उठा सकते हैं. यही वजह है कि पार्टी ने उन्हें विपक्ष का नेता बनाया है.
अरुण सिंह ने साफ किया कि मरांडी को पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं- नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा का विश्वास हासिल है.
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अरुण सिंह के मुताबिक, पार्टी को मरांडी के अनुभव का लाभ मिलेगा, क्योंकि हेमंत सोरेन लोगों की आकांक्षाओं पर पूरी नहीं उतर रही है, ऐसे में मरांडी जानते हैं कि संघर्ष कैसे करना है और प्रासंगिक मुद्दों को कैसे लोगों के बीच ले जाना है.
2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी किसी बड़े आदिवासी चेहरे की तलाश कर रही थी. बता दें, इस चुनाव में बीजेपी को 28 आदिवासी सीटों में से 26 पर हार का सामना करना पड़ा. ओजस्वी वक्ता, शालीन और आसान पहुंच वाले मरांडी से बीजेपी को उम्मीद है कि वो झारखंड में फिर बीजेपी को मजबूत स्थिति में ला सकेंगे. खास तौर पर आदिवासी इलाकों में मरांडी की पहुंच को लेकर बीजेपी को भरोसा है.
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पार्टी महासचिव अरुण सिंह के मुताबिक, जल्दी ही झारखंड बीजेपी अध्यक्ष के नाम क भी ऐलान किया जाएगा. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा में विपक्ष का नेता आदिवासी को बनाए जाने के बाद अब प्रदेश पार्टी अध्यक्ष किसी गैर आदिवासी को बनाया जा सकता है.