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राजस्थान में पुलिस की गोली से एक व्यक्ति की मौत, 300 प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए

राजस्थान में प्रदर्शन कर रहे करीब 300 लोगों को पुलिस हिरासत में ले चुकी है. राज्य के 25 शहरों में धारा 144 लगाई गई है, जबकि गंगापुर सिटी में कर्फ्यू लगाया गया है. इन सभी शहरों में इंटरनेट सेवा पर भी पाबंदी लगा दी गई है. पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं.

राजस्थान में दलित आंदोलन हुआ हिंसक राजस्थान में दलित आंदोलन हुआ हिंसक
राम कृष्ण/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 03 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 3:31 AM IST

एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध के नाम पर उपद्रव मचाने वालों की बड़े पैमाने पर पूरे राजस्थान में धड़-पकड़ जारी है. अभी तक करीब 300 लोगों को पुलिस हिरासत में ले चुकी है. राज्य के 25 शहरों में धारा 144 लगाई गई है, जबकि गंगापुर सिटी में कर्फ्यू लगाया गया है. इन सभी शहरों में इंटरनेट सेवा पर भी पाबंदी लगा दी गई है. सीकर के नीम के थाना में आरएसी फ्लैग मार्च कर रही है. पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं.

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अब तक पूरे सूबे में करीब 200 लोग हिंसक झड़प में घायल हुए हैं, जिनमें 60 पुलिस कर्मी भी शामिल हैं. इनमें से जोधपुर के एक पुलिस इंसपेक्टर महेन्द्र चौधरी की हालत नाजुक बताई जा रही है. पुलिस को उपद्रवियों को काबू करने के लिए 28 जगहों पर लाठी चार्ज करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने 80 से ज्यादा वाहन फूंक दिए और एक हजार वाहनों में तोड़फोड़ की. इसके अलावा 18 जगहों पर रेल की पटरियां उखाड़ दी, जिसकी वजह से रेल यातायात प्रभावित हुआ है.

अलवर के खैरथल और एनईवी थाने के बाहर बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें  झाड़ोली के 28 साल के पवन की गोली लगने से मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए. पंचायत समीति के सदस्य पवन का शव राजीव गांधी अस्पताल में रखा गया है. हंगामे को देखते हुए पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका. दलितों के हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए 48 घंटे के लिए अलवर जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई. वहीं, पवन के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

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उधर, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जनता से शांति की अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार उनकी मांगों के लिए सुप्रीम कोर्ट में गई है और एससी-एसटी समुदाय के लोगों को धैर्य रखना चाहिए. राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मामला सिर्फ राजस्थान तक ही सीमित नहीं था, बल्कि कई राज्यों में इस तरह का आक्रोश देखा गया है. कटारिया ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर उनकी सरकार होती, तो क्या वह कोर्ट का आदेश दो दिन में बदल देते?

कटारिया ने कहा कि अलवर में गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हुई है, लेकिन जिस तरीके से अलवर में प्रदर्शन करने वाले लोग थाने को जलाने की कोशिश कर कानून तोड़ने पर आमादा थे, तो पुलिस के पास उन्हें कंट्रोल करने के लिए बल प्रयोग के अलावा कोई रास्ता नहीं था. कटारिया ने कहा कि पुलिस द्वारा हिंसा से निपटने के लिए जो भी प्रयास किए जाने चाहिए थे, वो किए गए. कटारिया ने पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि पुलिस ने पूरे मामले से संजीदगी के साथ निपटा है.

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