
बिहार सरकार ने सैनिकों के लिए बिहार शराब बंदी कानून और उत्पाद अधिनियम, 2016 में थोड़ी ढील दी है. अब इस ढील की वजह से बिहार में सैनिकों को शराब मिलेगी और वो उसका सेवन भी कर सकेंगे. इस सुविधा का लाभ सिर्फ कार्यरत सैनिक और अधिकारी ही उठा सकेंगे. बिहार में 2 अक्टूबर से नया शराबबंदी कानून लागू हुआ है.
उत्पाद और मद्य निषेध विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सैनिक शराब का उपभोग कैंटोनमेंट एरिया, मिलिट्री और एयर फोर्स स्टेशन में ही कर सकते हैं. साथ ही कैंटोनमेंट क्षेत्र और मिलिट्री स्टेशन में शराब की आपूर्ति भी पहले जैसे होगी. रामगढ़ और अन्य इलाकों से सीएसडी कैंटीन, दानापुर और अन्य इकाइयों के लिए शराब का परिवहन आर्मी एस्कॉर्ट के साथ होगा.
डिजिटल लॉक और जीपीएस युक्त वाहनों की बाध्यता खत्म हो गई है. हालांकि उत्पाद कमिश्नर आदित्य दास ने कहा है कि सैनिक शराब पीकर तय क्षेत्र से बाहर घूमेंगे तो उन पर शराबबंदी कानून के तहत कार्रवाई होगी. चूंकि बिहार में मौजूद तमाम सैन्य या अर्धसैनिक बलों की कैंटीन में शराब बेचने की अनुमति उत्पाद विभाग ही देता है. इस कारण इन पर भी बिहार उत्पाद विधेयक लागू होगा. पूर्व सैनिकों को शराब दिए जाने पर विभाग का साफ मानना है कि वे कार्यरत जवानों से अलग हैं.
कार्यरत जवानों के मसले पर विभाग का मानना है कि उन्हें छावनी परिसर में ही शराब पीने की छूट पहले की तरह मिलती रहेगी. कैंटोनमेंट से बाहर या घर लाकर वे शराब नहीं पी सकेंगे. राज्य के कई जिलों में सीएसडी के नाम पर कैंटोनमेंट इलाके से हटकर शराब की बिक्री हो रही है, ऐसे लाइसेंस रद्द होंगे. गौरतलब हो कि शराब को लेकर सैनिक या पूर्व सैनिक को मिलने वाली छूट पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में बीते दिनों सेनाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. विभागीय प्रक्रिया को पूरा करते हुए विभाग ने अब आदेश जारी किया है.