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दिल्ली सरकार ने सोमवार को बीजेपी के उन बयानों को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार की ओर से कराई गई जांच में वित्त मंत्री अरूण जेटली को क्लीन चिट दे दी गई है. समिति का गठन डीडीसीए में कथित अनियमितता की जांच करने के लिए किया गया था जिसके 2013 तक जेटली अध्यक्ष रहे थे. केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी माफी के लिए भीख मांग रही है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जेटली को निशाना बनाने के लिए वह माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि उन्हें ‘कोई क्लीन चिट’ नहीं दी गई है.
सिसोदिया ने बीजेपी से पूछे चार सवाल
वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीडीसीए में कथित वित्तीय अनियमितता को लेकर वित्तमंत्री और बीजेपी से चार सवाल पूछे और आश्चर्य जताया कि वे जांच से क्यों भाग रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमारी समिति ने इस रिपोर्ट में किसी का नाम नहीं लिया है. तब क्या इसका अर्थ यह लगाया जाए कि इस दौरान जो भ्रष्टाचार हुए, वे भूतों ने किए?’ सिसोदिया ने मीडिया से कहा, ‘जेटली को बरी कराने के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों? इतना दबाव क्यों? जांच आयोग ने अपना काम कल ही शुरू किया है. इसके प्रमुख गोपाल सुब्रमण्यम ने स्वीकार्यता संबंधी पत्र कल ही दिया है.’
केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए साधा निशाना
दूसरी ओर, केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली सरकार की जांच में किसी को कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है. रिपोर्ट गलत कार्यों के कई मामलों से संबंधित है लेकिन इसमें जिम्मेदारी तय नहीं की गई है.' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘इसमें किसी का नाम नहीं लिया गया और जवाबदेही तय करने के लिए जांच आयोग की सिफारिश की गई है जो अब हम कर रहे हैं.’
सिसोदिया ने गिनाए आरोप
डीडीसीए के खिलाफ कुछ आरोपों का जिक्र करते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘क्या जेटली 1999-2013 के दौरान डीडीसीए के प्रमुख नहीं थे, जब ये अनियमितताएं हुई थी? जब फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के मरम्मत का खर्च 24 करोड़ रुपये से बढ़कर 144 करोड़ रुपये हो गया, जब 16 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लैपटाप लिए गए.’
उन्होंने कहा, ‘इस दौरान कंपनियों को अनुबंध दिए गए और उसके समान निदेशक और समान पते थे. क्या यह भ्रष्टाचार की ओर संकेत नहीं देता है? तब ऐसा कैसे हुआ? ऐसा किसने किया?’ सिसोदिया ने दावा किया कि सरकार की ओर से इसकी जांच के लिए जांच आयोग गठित करने से पहले ही जेटली की ‘साफ छवि’ गढ़ने का प्रयास किया गया.
'जांच से भाग क्यों रहे हैं जेटली'
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘बीजेपी जिस तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट को पेश कर रही है, इसमें एसएफआईओ की रिपोर्ट और डीडीसीए की आंतरिक रिपोर्ट का सार तैयार किया गया है जो रिपोर्ट 17 नवंबर को सार्वजनिक की गई थी.’ इस संबंध में उन्होंने बीजेपी से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद के आरोपों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘हम केवल जेटली से इतना ही कहना चाहते हैं कि क्या वह 1999-2013 के दौरान डीडीसीए के अध्यक्ष नहीं थे? अगर हां, तब जांच से क्यों भाग रहे हैं.’
'मामले में आमने-सामने जिरह होने दीजिए'
बीजेपी की ओर से जेटली के खिलाफ आरोप लगाने के लिए केजरीवाल से सार्वजनिक माफी की मांग करने के एक दिन बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर जवाब दिया, ‘बीजेपी माफी के लिए लगभग भीख मांग रही है, उसे माना नहीं किया जाएगा. अरुण जेटली से मानहानि मामले में आमने-सामने जिरह होने दीजिए.’
बीजेपी ने की थी माफी की मांग
डीडीसीए मामले में दिल्ली सरकार के जांच आयोग के बारे में केजरीवाल ने एक और ट्वीट में कहा कि उस रिपोर्ट में ‘किसी का नाम’ नहीं था और किसी की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच आयोग को सिफारिश है जिसे अब किया गया है. रविवार को बीजेपी ने केजरीवाल से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की थी जिसके लिए उसने हवाला दिया था कि दिल्ली सरकार की जांच रिपोर्ट में वित्त मंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है.
पार्टी प्रवक्ता एम.जे. अकबर ने कहा था कि सीबीआई छापे के बाद डीडीसीए की जिस फाइल के आधार पर केजरीवाल ने जेटली पर हमला किया था उसमें जेटली का कहीं नाम नहीं है.