
असहिष्णुता के खिलाफ कांग्रेस के मार्च पर बीजेपी ने जवाबी हमला बोला है. पहले केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू सामने आए. कहा कि राजनीतिक असहिष्णुता कांग्रेस के जीन में है. आपातकाल के दौरान उसने विरोध की हर आवाज को दबाया और अब वे ऐसी ही घटनाओं पर शिकायत करने की ढिठाई कर रहे हैं. इससे पहले बीजेपी के संबित पात्रा ने कहा था कि यह हताश कांग्रेस की कुंठा का मार्च है.
कांग्रेस ने मंगलवार को ही संसद से राष्ट्रपति भवन तक असहिष्णुता के खिलाफ मार्च निकाला था. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ज्ञापन सौंपने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला भी बोला था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि पीएम की खामोशी इस बात को दर्शाती है कि असहिष्णुता बढ़ाने वाली गतिविधियों में उनकी सहमति है.
हमें सीख न दे, खुद अपने भीतर झांके कांग्रेस
नायडू के बाद प्रकाश जावड़ेकर आए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ये प्रदर्शन एक राजनीतिक नौटंकी है. क्योंकि कांग्रेस का पूरा काल असहिष्णुता से भरा हुआ था. कांग्रेस को हमें असहिष्णुता पर सीख देने से पहले खुद अपने भीतर झांकना चाहिए. एमएम कलबुर्गी और दाभोलकर की हत्या कांग्रेस शासित राज्यों में हुई थी.
नायडू बोले- गलत पते पर चली गई कांग्रेस
नायडू ने कहा कि कांग्रेस अपना ज्ञापन लेकर गलत पते पर चली गई. उसे राष्ट्रपति भवन न जाकर, राजभवन जाना चाहिए था. क्योंकि वह जिन घटनाओं का विरोध कर रही है, वे सभी कांग्रेस या कांग्रेस करीबी पार्टियों की सरकारों वाले राज्यों में हुई हैं. नायडू ने नसीहत भी दी कि कांग्रेस को अपने शासन वाले राज्यों में सामाजिक सद्भाव लाने और इन घटनाओं जैसे मुद्दों पर अपना ध्यान लगाना चाहिए.
गौरतलब है कि कन्नड़ लेखक कलबुर्गी की हत्या कर्नाटक में हुई थी, जहां कांग्रेस के सिद्धारमैया की सरकार है. वहीं 2013 में पुणे में नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई थी. तब वहां कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण मुख्यमंत्री थे.