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मोदी सरकार के खिलाफ नेताजी के परिजनों ने खोला मोर्चा, आंदोलन की दी धमकी

पीएम मोदी ने अक्टूबर 2015 में नेताजी के परिजनों से रेसकोर्स में मुलाकात की थी और उनकी मांग पर नेताजी से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक किया था. 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस नेताजी सुभाष चंद्र बोस
इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता,
  • 16 मई 2017,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्यमय तरीके से गायब होने की गुत्थी नहीं सुलझने से नाराज उनके परिजनों ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नेताजी के भाई के पोते एवं बीजेपी नेता चंद्र बोस ने बताया कि इस बाबत परिवार ने फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ इस सप्ताह आंदोलन शुरू किया जाएगा.

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बोस परिवार सबसे पहले 18 अगस्त को कोलकाता में रैली निकालेगा. इसके बाद साल के आखिरी में दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेगा. पीएम मोदी ने अक्टूबर 2015 में नेताजी के परिजनों से रेसकोर्स में मुलाकात की थी और उनकी मांग पर नेताजी से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक किया था. मोदी सरकार की ओर से नेताजी के परिजनों को सम्मानित किए जाने और कई मांग पूरी किए जाने के बावजूद आंदोलन की यह घोषणा सामने आई है. इससे पहले पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किया था.

नेताजी की मौत के रहस्य से उठेगा पर्दा
नेताजी के परिजनों ने मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए सबसे पहले 18 अगस्त को कोलकाता में रैली निकाली जाएगी. इसके बाद साल के अाखिरी तक जंतर-मंतर में रैली करने की योजना है. परिजनों का कहना है कि सिर्फ नेताजी से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करना पर्याप्त नहीं हैं. सरकार को नेताजी की मौत के रहस्य को उजागर करना ही होगा. उनका यह भी कहना है कि जब सरकार ने नेताजी से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक कर दिए हैं, तो उनकी मौत से रहस्य से पर्दा उठाने में क्या दिक्कत है? बोस परिवार ने मोदी सरकार से मामले में एसआईटी का गठन करने और इसकी रिपोर्ट को संसद में पेश करने की भी मांग की है.

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मोदी ने नेताजी से जुड़ी फाइलें की थी सार्वजनिक
पिछले एक साल में मोदी सरकार ने हर महीने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 100 फाइलें जारी की. इसकी शुरुआत पिछले साल 23 जनवरी से हुई थी. अब ये सभी फाइलें सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं. 2015 में नेताजी के परिजनों से मिलने के बाद पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की थी कि वह रूस सरकार से भी नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग करेंगे.

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