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बजट 2018: 'सबके लिए घर' का सपना तब ही होगा साकार, जब होंगे ये 5 बदलाव

सबको घर के लिए बजट में कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं सबको घर के लिए बजट में कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST

आम बजट को पेश होने में अब कुछ ही दिनों का समय रह गया है. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए जा रहे इस बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदे हैं. इसमें घर खरीदना सस्ता होने की उम्मीद भी शामिल है. आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने भी 'सबके लिए घर' योजना को मूर्तरूप देने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के बजट आवंटन की मांग की है. हालांकि इस सपने को पूरा करने के लिए बजट में कुछ अहम कदम उठाए जाने जरूरी हैं.

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आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के मैनेज‍िंग डायरेक्टर और सीईओ देउ शंकर त्रिपाठी का कहना है कि अगर सरकार सबको घर की योजना को मूर्त रूप देना चाहती है, तो उसे इस बजट में आम आदमी को सस्ते घर देने की घोषणाओं के साथ ही रियल इस्टेट सेक्टर की हालत सुधारने पर भी ध्यान देना होगा.

आवास क्रांति की जरूरत

उनके मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबके लिए घर की योजना को साकार करने के लिए हरित क्रांति की तरह ही हाउसिंग रेवोल्यूशन (आवास क्रांति) की जरूरत है. सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कई फैसलों से इसकी शुरुआत तो कर दी है, लेक‍िन इस  बजट में इसे आगे बढ़ाने के लिए कुछ अहम घोषणाएं सरकार को करनी चाहिए. त्रिपाठी के मुताबिक ये बदलाव 5 मोर्चों पर हो सकते हैं.

रियल इस्टेट सेक्टर को करना होगा मजबूत

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नोटबंदी, रेरा और जीएसटी का रियल इस्टेट पर काफी ज्यादा असर पड़ा है. ऐसे में सरकार को इस सेक्टर को मजबूत करने पर ध्यान देना होगा.  बिल्डर्स सस्ते घर बनाने के लिए प्रेरित हो सकें, इसके लिए उन्हें कम एकड़ की जमीन खरीदने के लिए लोन की सुविधा मिलनी चाहिए. मौजूदा समय में छोटी जमीन खरीदने के लिए उन्हें लोन नहीं मिलता है. ऐसी जमीन खरीदने के ल‍िए कम से कम 40 से 50 फीसदी लोन की सुविधा की जानी चाहिए.

त्वरित मंजूरी की है जरूरत

जब भी कोई बिल्डर किसी सस्ते घर की परियोजना पर काम करना चाहता है, तो केंद्र के साथ ही राज्य सरकार को चाहिए कि वह ऐसी योजनाओं के लिए स्पीडी अप्रूवल की सुविधा दे. सरकार को चाहिए कि वह इस बजट में रियल इस्टेट परियोजनाओं के त्वरित अप्रूवल का इंतजाम करे. ताकि समय पर घरों का निर्माण हो सके और सप्लाई सुधर सके.

होम लोन पर टैक्स छूट बढ़े

सबको घर देने की योजना तब ही साकार हो सकेगी, जब उनके लिए घर खरीदना आसान बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार को चाहिए कि वह बजट में होम लोन को लेकर मिलने वाली टैक्स छूट को बढ़ाए. उम्मीद है कि सरकार इस बजट में मौजूदा 2.5 लाख रुपये की छूट को 3 लाख रुपये करेगी. इससे ज्यादा लोग टैक्स छूट का फायदा उठा पाएंगे.

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स्टांप ड्यूटी को लेकर भी हो सुधार

स्टांप ड्यूटी में भी सुधार की जरूरत है. देश में हर राज्य के स्टांप ड्यूटी को लेकर अपने नियम हैं. जरूरत है कि सरकार इसे एक देश एक टैक्स और एक स्टांप ड्यूटी करे. इसे जीएसटी के तहत लाकर ड्यूटी को पूरे देश में एक समान कर दिया जाना चाहिए. ताकि आम लोगों को स्टांप ड्यूटी के बोझ से थोड़ी राहत मिल सके. इस मोर्चे पर राहत मिलने का मतलब है कि आम आदमी का घर खरीदने पर होने वाला काफी ज्यादा पैसा बचेगा. 15 लाख रुपये तक के छोटे लोन पर स्टांप ड्यूटी एक फीसदी कर दी जानी चाहिए.

आवास क्रांति का रास्ता करना होगा तैयार

वित्त मंत्री अरुण जेटली को रियल इस्टेट सेक्टर की हालत सुधारने पर फोकस करने के साथ ही इस सेक्टर में रोजगार की स्थित‍ि सुधारने पर भी ध्यान देना होगा. फिलहाल देश में रोजगार की कमी एक बड़ी चुनौती है. सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना और आम लोगों को सस्ते घर द‍िलाने के लिए कई बड़ी घोषणाएं अतीत में की हैं. अब जरूरत है कि उन्हें सही ढंग से लागू किया जाए और इसके लिए रास्ता तैयार किया जाए और सबको घर देने की योजना को साकार करने के लिए आवास क्रांति की शुरुआत वि‍धिवत हो.

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