
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में जारी प्रदर्शन के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में बैठक बुलाई. गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में यह बैठक हुई. इस दौरान बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष अमित शाह, भूपेंद्र यादव और बीएल संतोष भी मौजूद रहे.
नागरिकता कानून पर बीजेपी देशभर में जागरुकता अभियान चलाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों का दावा है कि नागरिकता कानून पर बीजेपी देशभर की प्रसिद्ध हस्तियों से जागरूकता फैलाने के लिए संपर्क करेगी. ये लोग देशभर में नागरिकता कानून पर जागरूकता फैलाएंगे.
नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन के मामले सामने आ रहे हैं. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस कानून का विरोध कर रहे हैं, साथ ही केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि हर हाल में इस कानून को वापस लिया जाए .
वहीं गृह मंत्री अमित शाह साफ कर चुके हैं कि इस कानून को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा. केंद्र सरकार नागरिकता कानून को वापस लेने के लिए नहीं तैयार है.
केंद्रीय मंत्रियों को उतार चुकी है बीजेपी
नागरिकता कानून के समर्थन में बीजेपी ने अपने केंद्रीय मंत्रियों को उतार दिया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर समेत कई केंद्रीय मंत्री नागरिकता कानून पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं.
सभी केंद्रीय मंत्री देश की अलग-अलग जगहों पर नगारिकता कानून के समर्थन में पीसी कर रहे हैं. इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मोर्चा संभाल लिया है.
संघ भी CAA पर जागरूकता मिशन में जुटा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस दिशा में अब बीजेपी नेताओं को नया होमवर्क दे रहा है. संघ ने इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से की है. आरएसएस ने शनिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की एक बैठक मेरठ के संघ कार्यालय में बुलाई थी.
बैठक में पश्चिम उत्तर प्रदेश से संघ के कई पदाधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में फैसला हुआ कि अल्पसंख्यक समाज में नागरिकता कानून के बारे में फैले भ्रम और भय को दूर किया जाए.