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केंद्र सरकार उल्फा से करेगी शांति समझौता, अमित शाह ने दी हरी झंडी

पूर्वोत्तर में अलग राज्य की लंबे समय से मांग चली आ रही थी. अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले चार गुटों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला लिया है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार के साथ NDFB ने समझौता किया.

गृह मंत्री अमित शाह (फोटो-aajtak.in) गृह मंत्री अमित शाह (फोटो-aajtak.in)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:26 PM IST

  • उल्फा (आई) नेता परेश बरुआ को वार्ता के लिए न्यौता
  • सोमवार को ही बोडोलैंड विवाद पर हुआ था समझौता

बोडोलैंड विवाद सुलझाने के बाद उत्साहित केंद्र सरकार ने उल्फा (इंडिपेंडेंट) के साथ वार्ता के लिए सहमति दे दी है. बोडोलैंड विवाद समझौता पर साइन होने के एक दिन बाद ही असम सरकार के वरिष्ठ मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने मंगलवार को बताया कि केंद्र सरकार ने उल्फा से वार्ता के लिए हरी झंडी दे दी है.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सोमवार को असम सरकार के साथ NDFB ने समझौता किया, जिसके तहत अब बोडोलैंड की मांग नहीं की जाएगी. इस फैसले के बाद उत्साहित केंद्र सरकार अब उल्फा से वार्ता करना चाहती है. समाजार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, असम सरकार के वरिष्ठ मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने मंगलवार को बताया कि केंद्र की मोदी सरकार यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) इंडिपेंडेंट के साथ शांति वार्ता करने को तैयार है. इसके तहत उल्फा (आई) के नेता परेश बरुआ को वार्ता के लिए न्यौता दिया गया है. शर्मा नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) के कन्वीनर भी हैं.

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हेमंत बिस्वा ने बताया, 'सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ-साफ कहा कि उल्फा (आई) अगर वार्ता के लिए तैयार है तो केंद्र सरकार भी शांति वार्ता के लिए तैयार है, ताकि असम समेत पूरे नॉर्थ ईस्ट में शांति का माहौल कायम किया जा सके.'

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सोमवार को हुआ NDFB के साथ समझौता

बता दें कि पूर्वोत्तर में अलग राज्य की लंबे समय से मांग चली आ रही थी. असम में लंबे समय से अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले चार गुटों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला लिया है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार के साथ NDFB ने समझौता किया. जिसके तहत अब बोडोलैंड की मांग नहीं की जाएगी. नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन ऑफ बोडोलैंड (NDFB) की अगुवाई में अलग राज्य की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार की ओर से सख्त रुख अख्तियार करने के बाद तस्वीर पूरी तरह से बदल गई.

समझौते के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि आज भारत सरकार, असम सरकार और बोडो संगठन के चार समूहों के बीच समझौता हुआ है, ये सुनहरे भविष्य का दस्तावेज है. साल 1987 से ये आंदोलन हिंसक बना, 2823 नागरिक संघर्ष में मारे गए है, 949 बोडो काडर के लोग और 239 सुरक्षाबल भी मारे गए.

अलगाववादी गुटों ने किया था आत्मसमर्पण

केंद्रीय गृह मंत्रालय और बोडो संगठनों के बीच ये फैसला तब हो रहा है, जब दो दिन पहले ही सैकड़ों की संख्या में अलगाववादियों ने आत्मसमर्पण किया था. असम के आठ प्रतिबंधित संगठनों से ताल्लुक रखने वाले कुल 644 उग्रवादियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल के समक्ष गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया था. इनका संबंध उल्फा (I), NDFB, आरएनएलएफ, केएलओ, सीपीआई (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी से था.

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