
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का पहला दावा ही खोखला साबित होता नजर आ रहा है. दो महीने पहले राहुल गांधी ने दुर्ग में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में ऐलान किया था कि 15 अगस्त से पहले पार्टी आधी से ज्यादा विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी. यही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार दुर्ग में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से रूबरू होते हुए प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पर भी राहुल गांधी ने अपनी मंशा जाहिर की थी.
राहुल गांधी ने यह भी बताया था कि अब कैसे पार्टी में उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा और हवा हवाई नेताओं की जगह दमखम और जनाधार वाले कार्यकर्ताओं को 15 अगस्त के पहले ही उन्होंने चुनावी मैदान में उतारा जाएगा. लेकिन किसी भी सूरत में नहीं लगता कि राहुल गांधी का ये दावा सच साबित होगा. 15 अगस्त के लिए अब हफ्ता भर ही बाकी है, ऐसे में राहुल गांधी के इस वादे को लेकर कांग्रेसी नेताओं के बीच गहमा गहमी है.
पूरी प्रक्रिया में लग सकता है महीने भर का समय
दूसरी ओर कांग्रेस के भीतर प्रत्याशी चयन की प्रारंभिक प्रक्रिया अब जाकर शुरू हुई है, ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां इन दिनों उम्मीदवारों के आवेदन जमा कर रही हैं. इन आवेदनों को इकट्ठा कर पहले जिला कांग्रेस कमेटी फिर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और फिर वहां से चुनाव संचालन कमेटी से लेकर एआईसीसी तक में उम्मीदवारों के नामों पर विचार होगा और अंतिम मुहर लगेगी. इसके बाद ही पार्टी अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी. जाहिर है इस पूरी प्रकिया में एक महीने का वक्त लग सकता है. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का 15 अगस्त के पहले आधे से अधिक उम्मीदवारों के ऐलान का दावा पूरा होता नजर नहीं आ रहा है.
इस पर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने भी अपनी मुहर लगा दी है. उनके मुताबिक कांग्रेस सभी 90 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा अगले महीने करेगी. सितंबर के पहले या दूसरे सप्ताह तक सभी नामों का ऐलान कर दिया जाएगा. पीएल पुनिया ने सोमवार को एक बयान में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी एआईसीसी को अगस्त के अंत तक सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नाम भेज देगी.
कांग्रेस ने अपनी रणनीति में किया बदलाव
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के इतिहास में यह पहली बार पार्टी ने आचार संहिता लगने के काफी पहले अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने का फैसला लिया है. अपनी पुरानी रणनीति के तहत कांग्रेस मुख्य विपक्षी दलों के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद ही अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारती थी, लेकिन अब पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है.
पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिली हार की समीक्षा में यह बात सामने आई थी कि प्रत्याशी चयन की घोषणा में हुई देरी की वजह से उनके उम्मीदवारों को बहुत ही कम समय प्रचार के लिए मिला था, जबकि बीजेपी समेत दूसरे विपक्षी दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा और प्रचार में काफी पहले जुट गए थे.
ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए चुनाव से कुछ महीने पहले प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना धरी की धरी रखी दिखाई दे रही है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक जल्द ही प्रत्याशी चयन नहीं हुआ तो पहले की तरह ही हालात बनेंगे. अधिकृत उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिए पर्याप्त वक्त नहीं मिल पायेगा और वे रणनीतिक चूक का शिकार होंगे.
फिलहाल रायपुर में राहुल गांधी का बेसब्री से इंतजार हो रहा है. 10 अगस्त को वो कांग्रेस के नए पार्टी मुख्यालय का लोकार्पण करेंगे. पार्टी अपने इसी नए भवन से विधानसभा चुनाव का आगाज करेगी. लिहाजा कांग्रेसी नेताओं का एक समूह राहुल गांधी से मिलकर 15 अगस्त के पहले ही कम से कम कुछ प्रमुख दावेदारों की सीटों पर विचार कर उनके नामों के ऐलान का अनुरोध करेंगे. इसमें पार्टी के मौजूदा विधायक , पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री शामिल हैं.