
मुंबई की चकाचौंध और रफ्तार का अपना नशा है. मायानगरी नाम इसे यूं ही नहीं मिला. इस शहर में जो एक बार रम गया तो समझो यहीं जम गया. लेकिन 1980 के दशक में मायानगरी पर जिस शख्स ने कब्जा करना शुरु किया, उसका नाम था दाऊद इब्राहिम. अंडरवर्ल्ड की दुनिया एक ऐसा नाम जिसने इस मायानगरी पर हकीकत में राज किया.
दाऊद की ताकत बना छोटा राजन
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के इशारे पर मुंबई नाचने लगी तो उसके खास आदमी बन चुके छोटा राजन का कद भी बढ़ने लगा. अस्सी के दशक के आखिर तक दाऊद की मुंबई में तूती बोलने लगी. यही वो वक्त था जब दाऊद का डर और दाऊद की ताकत को पर्दे के पीछे रहकर जो शख्स बढ़ा रहा था, लोग उसे भी जानने लगे थे. वो नाम था छोटा राजन.
तिकड़ी का मतलब था अंडरवर्ल्ड
अंडरवर्ल्ड का हर डॉन मुंबई पर कब्जा करना चाहता है. दाऊद ने ही मुंबई पर कब्जा करके दिखाया और उसकी ताकत बना छोटा राजन. अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कुछ दिनों के लिए वो वक्त भी आया, जब दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन और अरुण गवली की तिकड़ी का मतलब ही अंडरवर्ल्ड हो गया था. हर कोई इनके नाम से दहशत खाने लगा था.
मुंबई का किंग बन गया था दाऊद
मगर अरुण गवली के भाई के मर्डर के बाद यह तिकड़ी टूट गई. लेकिन छोटा राजन दाऊद का सबसे करीबी बना रहा. छोटा राजन उस वक्त दाऊद का सबसे भरोसेमंद साथी बन गया, जब उसने अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला के भतीजे समाद खान को ठिकाने लगा दिया. मुंबई के आखिरी पठान डॉन को ठिकाने लगाने के बाद मुंबई का किंग दाऊद इब्राहिम बन गया.
दाऊद-राजन के बीच आ गए थे शकील और सलेम
मुंबई का किंग दाऊद ही था. लेकिन छोटा राजन किंग को किंग बनाए रखने में अहम किरदार था. इसी दौरान दाऊद और छोटा राजन की दोस्ती के बीच सबसे पहले छोटा शकील और बाद में अबू सलेम ने कदम रखा. इन दोनों की आमद के बाद छोटा राजन दाऊद गैंग में दरकिनार होने लगा. यही वो दौर था जब छोटा राजन ने बैंकॉक में अपना धंधा शुरु किया.
हिंदू डॉन बनकर उभरा छोटा राजन
और फिर वो दिन आया. जिसने अंडरवर्ल्ड की दुनिया को बदलकर रख दिया. वो दिन था 12 मार्च 1993 का. जब पूरा मुंबई शहर धमाकों से गूंज उठा. मुंबई ब्लास्ट ने अंडरवर्ल्ड के भीतर भी एक ऐसी लकीर खींच दी, जो धर्म के नाम पर बंट गई थी. तब खूनी गैंगवार छिड़ गई. छोटा राजन और दाऊद आमने सामने आ गए. 1994 में राजन ने दाऊद के खास साथी बख्तियार अहमद को मौत की नींद सुला दिया. इस हत्या के बाद दाऊद का गुस्सा और भड़क गया. 1995 के आखिर तक छोटा राजन ने खुद को एक हिन्दू डॉन के रुप में स्थापित कर दिया था.
बदल गई थी अंडरवर्ल्ड की फिलॉसफी
यानी अंडरवर्ल्ड की फिलॉसफी बदल गई थी. मुंबई का अंडरवर्ल्ड इंटरनेशनल हो गया था. उस दौर के छोटा राजन और आज के छोटा राजन के चेहरे में भले ही बहुत फर्क हो लेकिन उस दौर के कई राज राजन के सीने में आज भी दफ्न हैं.
राजन के सीने में दफ्न हैं कई राज
सवाल यही है कि वो कौन से राज़ हैं, जिनका खुलासा दाऊद की चूलें हिला सकता और वो किस बात का खौफ है, जिसकी वजह से छोटा राजन भारत आने से घबरा रहा है. यही वो सबसे बड़े सवाल हैं जिसके लिए मायानगरी मुंबई को इंतजार है छोटा राजन का.