
पंजाब विधानसभा के कार्यकाल का बुधवार को आखिरी दिन था, लेकिन इतिहास में 14वीं विधानसभा का ये आखिरी दिन हंगामें और शर्मसार कर देने वाली तस्वीरों के लिए याद रखा जाएगा. अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने की मांग को लेकर पिछली दो रात से सदन में डटे हुए कांग्रेस के 26 विधायक ने जमकर हंगामा किया. स्पीकर पर पेपर और फाइलें फेंकी गईं, तो वहीं कांग्रेस के विधायक ने मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर जूता फेंक दिया.
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल विधायकों का प्रदर्शन खत्म कराने के इरादे से मंगलवार को विधानसभा गए थे, लेकिन प्रदर्शन करने वाले विधायकों ने मुख्यमंत्री की बात मानने से इनकार कर दिया. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की इजाजत न देने के स्पीकर के फैसले के खिलाफ कांग्रेस के 26 विधायकों ने प्रदर्शन किया. इस प्रस्ताव को दो दिन पहले ध्वनि-मत से अस्वीकार कर दिया गया था.
स्पीकर पर फेंकी गईं पेपर और फाइलें
बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस विधायकों ने जोरदार हंगामा और नारेबाजी शुरु कर दी. विधानसभा के स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल पर सरकार से मिले होने और दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए स्पीकर पर पेपर और फाइलें फेंकी गईं. पंजाब विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के भारी विरोध के दौरान ही 200 मार्शल्स की तैनाती के बीच पंजाब सरकार और स्पीकर ने पेंडिंग बिल और प्रस्ताव पास किए.
'मजीठिया पर नहीं फेंका था जू्ता'
इसी बीच कांग्रेस के विधायक तरलोचन सिंह सूंध ने पंजाब सरकार में मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर जूता फेंक दिया. तरलोचन सिंह का कहना था कि उन्होंने जूता मजीठिया पर नहीं बल्कि अकाली दल के विधायक विरसा सिंह वल्टोहा पर फेंका था. तरलोचन सिंह ने कहा कि अकाली दल विधायक वल्टोहा ने उनके लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया था और इसी के रिएक्शन में उन्होंने अपना जूता निकाल कर फेंक दिया, लेकिन उन्हें मालूम नहीं कि जूता जाकर किसको लगा. तरलोचन को विधानसभा से भी नंगे पैर बाहर आना पड़ा.
बिक्रम सिंह से काफी दूर बैठे थे विरसा सिंह
वहीं अकाली सरकार के मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने इसे कांग्रेस की हताशा करार देते हुए कहा कि उन्हें और पंजाब सरकार को कांग्रेस की इन हरकतों से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. वहीं अकाली दल के विधायक विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि वो मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से काफी दूर बैठे थे, ऐसे में जूता फेंकना था तो उनकी और फेंका जाना चाहिए था, लेकिन जानबूझ कर तरलोचन सिंह ने जूता मजीठिया की और फेंका.
जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल से इनकार
वहीं बीजेपी के कोटे से पंजाब सरकार में मंत्री मदन मोहन मित्तल ने तरलोचन सिंह का जूता मीडिया को दिखाते हुए बुधवार के दिन को पंजाब विधानसभा का सबसे काला दिन बताया और इसे कांग्रेस की निराशा और हताशा का परिणाम बताया. अकाली-बीजेपी सरकार के मंत्रियों ने साफ किया कि उन्होंने किसी भी कांग्रेसी विधायक के लिए दलित-विरोधी और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है और कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिये वो इस तरह की बहानेबाजी कर रहे हैं.
कांग्रेसी विधायकों पर सदन में शराब पीने का आरोप
ये पूरा माहौल तब बिगड़ना शुरू हुआ, जब विधानसभा में अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और अकाली विधायक विरसा सिंह वल्टोहा ने विधानसभा में दो रात गुजारने वाले कांग्रेस विधायकों पर सदन में शराब पीने और सदन को होटल और बार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. इसके बाद कांग्रेस विधायक नाराज हो गए और स्पीकर पर फाइलें और पेपर फेंके गए. इसी बीच कांग्रेस विधायक ने जूता अकाली मंत्री पर फेंक दिया. अकाली दल के विधायक विरसा सिंह वल्टोहा ने विधानसभा में खाली रखी एक शराब की बोतल की तस्वीर जारी करके कांग्रेस विधायकों पर सदन में नाइट स्टे के दौरान शराब और नॉन-वेज खाने का आरोप लगाया.
'शराब पीने का आरोप मनगढ़ंत कहानी'
कांग्रेस विधायकों ने सदन में शराब पीने के आरोप को अकाली दल की मनगढ़ंत कहानी करार दिया है. वहीं कांग्रेस के तमाम नेता अपने विधायक के साथ खड़े दिखाई दिए और कहा कि अगर अकाली दल के मंत्री उन्हें गाली देंगे और जातिसूचक शब्द कहेंगे तो क्या वो खामोश रहेंगे. ये एक्शन का रिएक्शन था. वहीं कांग्रेस के विधायक और एससी-एसटी कमीशन के वाइस-चेयरमैन राजकुमार वेरका ने कहा कि उन्होंने अपने कानों से तो कोई जातिसूचक शब्द कहते अकाली दल के लोगों को नहीं सुना, लेकिन कांग्रेस के विधायक दलित वर्ग से आते हैं और अगर वो कमीशन को लिखित शिकायत देंगे तो मामले की जांच कराने के बाद कोई एक्शन कमीशन की और से जरूर लिया जाएगा.
'कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की'
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने सदन में जूता फेंके जाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कांग्रेस पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया. लोकतंत्र में विधानसभा के अंदर सरकार का विरोध होना और सत्ता में बैठी पार्टियों और विपक्षी पार्टियों में टकराव होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन जिस तरह की तस्वीरें बुधवार को पंजाब विधानसभा में देखने को मिली, वो देश की राजनीतिक पार्टियों और पूरे सिस्टम के लिए काले दाग के समान है, जो हमारे देश के पॉलिटिकल सिस्टम को कई दिनों तक शर्मसार करता रहेगा.