
राजस्थान सरकार ने फैसला लिया है कि अब सरकार के किसी भी फैसले या आदेश के पत्र पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ के साथ बीजेपी के चिंतक दीनदयाल उपाध्याय का फोटो लगा हुआ लोगो भी छपेगा.
राजस्थान सरकार ने यह तय किया है कि राज्य में 4 साल बीजेपी की सरकार पूरा होने पर इस बात की घोषणा की जाएगी कि अब सभी सरकारी फाइलों और सरकारी दस्तावेजों पर दीनदयाल उपाध्याय का लोगो लगी हुई तस्वीर होगी.
राजस्थान सरकार के मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है इसीलिए यह फैसला किया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने एक और फैसला लिया है. जिसके तहत दीनदयाल उपाध्याय पर लिखित संपूर्ण वांग्मय किताब सरकारी पैसे से खरीदकर पुस्तकालयों में भेजी जाएगी. यह किताब बीजेपी के राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेश चंद्र शर्मा ने लिखी है.
कांग्रेस ने किया विरोध
कांग्रेस ने सरकार के दोनों फैसलों का विरोध किया है. कांग्रेस के विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के साथ किसी पार्टी के नेता की तस्वीर लगाना गलत है. साथ ही सरकारी पैसे से एक पार्टी के नेता के ऊपर लिखी हुई किताब जिसे उसी पार्टी के नेता ने लिखा है. उसे खरीदकर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी राजस्थान सरकार ने ये आदेश निकाला था कि राज्य सरकार के किसी भी प्रचार सामग्री में दीनदयाल उपाध्याय का लोगो लगा हुआ फोटो जरुर छापा जाएगा. यह भी तय किया था कि लोगो को जमीन के पट्टे दिए जाएंगे. उनके ऊपर भी एक तरफ जमीन के मालिक की तस्वीर होगी तो दूसरी तरफ दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर होगी. लेकिन कानूनी पचड़े की वजह से राजस्थान सरकार को ये फैसले वापस लेना पड़ा था.