
सूरत में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की सभा में हार्दिक पटेल के समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया. पाटीदार समुदाय के एक सम्मान समारोह में पहुंचे अमित शाह को हार्दिक के समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ा. मौका भांपते ही इस घटना के जरिये अब कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को घेरने में जुटी है. कांग्रेस ने इसे पीएम और बीजेपी की गिरती लोकप्रियता से जोड़ते हुए राज्य और केंद्र में सरकार की ठप नीतियों का हवाला दिया.
दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ये कोई साधारण विरोध नहीं बल्कि कृषि से जुड़ा जन आंदोलन है. सिंघवी ने कहा, 'एक प्रकार से ये एक नई
क्रांति है, एक आंदोलन है, एक जबरदस्त बगावत है. गुजरात में और इनके कारणों को जरा ध्यान से देखें, जो बहुत गंभीर है. उनका विश्लेषण करना आवश्यक है.'
सिंघवी ने एक-एक करके गुजरात की कृषि से जुड़े नाकामियों का ब्योरा दिया. उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों में जहां-जहां बीजेपी की सरकार रही है वहां कृषि की हालत बहुत बुरी है और विशेष रूप से बेरोजगार के विकास में एक स्पेशलाइजेशन बीजेपी ने बना लिया है, बिना रोजगार के विकास और विशेष रूप से परिलक्षित होता है कृषि के विषय में.
उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल फ्लॉप हो गया है. बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. जिसके लोग अब सरकार के खिलाफ बगावत करने लगे हैं. उन्होंने कहा कि 2002-12 के बीच गुजरात में करीब साढ़े 5 हजार से ज्यादा कृषकों की मृत्यु हुई है, ये सरकारी आंकड़े हैं, जिसे छुपाने की कोशिश की गई. सिंघवी की मानें तो गुजरात में किसानों बड़ी दयनीय स्थिति है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान 2013-14 में विकास की दर -0.2 प्रतिशत थी. 2013-2014 तक ग्रोथ थी सवा 4 प्रतिशत थी. लेकिन एनडीए सरकार में कृषि का ग्रोथ 2014-2015 में राष्ट्रीय स्तर पर 0.2 प्रतिशत, माअनस हो गई. 2015- 2016 में 1 प्रतिशत हुई है.