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दिल्ली के लिए सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार

अरविंद केजरीवाल ने पिछले विधानसभा चुनाव में जब राजधानी में भ्रष्टाचार का मु्द्दा जोर-शोर से उठाया था तो लगा नहीं कि यह हिट होगा लेकिन जब परिणाम आए तो इसकी अहमियत का पता लगा.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST

अरविंद केजरीवाल ने पिछले विधानसभा चुनाव में जब राजधानी में भ्रष्टाचार का मु्द्दा जोर-शोर से उठाया था तो लगा नहीं कि यह हिट होगा लेकिन जब परिणाम आए तो इसकी अहमियत का पता लगा. उस पार्टी को जिसे आलोचक दस सीटें भी नहीं दे रहे थे, वह सत्ता के बेहद करीब पहुंच गई. इस बार फिर यह मुद्दा दिल्ली वालों के सामने है और केजरीवाल इसे अच्छे तरीके से भुना रहे हैं.

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दिल्ली आज तक के एक जमीनी सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है कि आज भी दिल्ली वालों के सामने भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है और उसके बाद ही महंगाई है. हैरानी की बात है कि अपराधों के बढ़ते मामलों के बावजूद यहां अभी भी यह सबसे बड़ा मुद्दा नहीं है जबकि निर्भया कांड के बाद यह महानगर जैसे कि उबल पड़ा था. दिल्ली आज तक के संवादादाताओं कुणाल, स्वाति, शशांकी और प्रियंका ने महानगर की गली-गली जाकर मतदाताओं से बातचीत की और उनके विचार जाने. उन्होंने वोटरों को कुछ लिखित सवाल दिए जिनके उन्होंने विधिवत जवाब भी दिए.

इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि दिल्ली के लिए सबसे बड़ा मु्द्दा भ्रष्टाचार है. 35 फीसदी लोगों ने माना कि यह सबसे बड़ा मुद्दा है जबकि 29 फीसदी लोगों के लिए महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा रहा. विकास भी यहां एक बड़ा मु्द्दा है लेकिन हैरान कर देने वाली बात है अपराध अभी चौथे नंबर पर है. इसके बाद बिजली-पानी का नंबर आता है. भ्रष्टाचार को बड़ा मु्द्दा मानने के पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि दिल्ली में फेरी वालों, रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों के अलावा लाखों ऐसे लोग हैं जिन्हें रिश्वत देने के लिए मजबूर होना पड़ता है. पुलिस, म्यूनिसिपैलिटी, ट्रांसपोर्ट विभाग वगैरह इसकी सबसे बड़ी वजहें हैं. दिल्ली के लोग इनसे निजात चाहते हैं.

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इस सर्वेक्षण से एक बात और सामने आई कि आम आदमी पार्टी को भले ही लग रहा हो कि वह चुनाव में विजय के करीब है, उसके नेता अरविंद केजरीवाल पर भगोड़ा का ठप्पा अभी भी मिट नहीं पाया है. सर्वे के मुताबिक लगभग 43 फीसदी वोटर उन्हें अभी भी भगोड़ा ही मानते हैं. उनकी इस छवि के बावजूद वोटर 50 फीसदी लोग उन्हें सीएम के लिए सबसे बढ़िया उम्मीदवार मानते हैं. कई लोकसभा क्षेत्रों में उन्हें किरण बेदी के मुकाबले काफी बढ़त मिली. नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में जहां किरण बेदी का निवास है और जहां से अरविंद केजरीवाल जीते हैं, उन्हें 51 फीसदी लोगों ने उनका साथ दिया. किरण बेदी के पक्ष में सिर्फ 35 फीसदी लोग आए जबकि अजय माकन को सिर्फ 9 फीसदी लोगों का ही साथ मिला.

मोदी लहर उतार पर
इस सर्वेक्षण से एक बात सामने आई है कि नरेन्द्र मोदी का लहर उतार पर है. इस सर्वेक्षण में भाग लेने वाले लोगों में से आधे से भी कम यानी 46 फीसदी ने माना कि मोदी लहर है. मसलन अगर नई दिल्ली क्षेत्र में 48 फीसदी लोगों ने माना कि मोदी लहर है तो पश्चिमी दिल्ली में महज 39 फीसदी लोगों ने ऐसा माना जबकि उत्तर पूर्वी दिल्ली में 47 फीसदी ने ऐसा माना. सिर्फ पूर्वी दिल्ली में यह आंकड़ा 50 के पार रहा. इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि लोगों के मन में कांग्रेस कहीं नहीं है और 73 फीसदी लोग मानते हैं कि कांग्रेस का प्रदर्शन पिछली बार से बेहतर नहीं होगा.

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