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भारत माता की जय बोलने पर दारुल उलूम की ओर से जारी फतवे के बाद विवाद खड़ा हो गया है. देवबंद ने 'भारत माता की जय' के नारे को इस्लाम के खिलाफ बतलाया है. देवबंद के इस फतवे को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है. हालांकि दारुल उलूम देवबंद की तरफ से यह कोई पहला फतवा नहीं है, पहले भी कई फतवे जारी किये जा चुके हैं. दारुल उलूम की ओर हाल में जारी फतवों की लिस्ट नीचे हैं.
31 मार्च 2016: दारुल उलूम देवबंद ने 31 मार्च को फतवा जारी करते हुए कहा था कि कोई भी मुसलमान भारत माता की जय न बोले.
11 फरवरी 2016: स्टूडेंट को राजनीति से दूर रखने के लिये देवबंद ने फतवा जारी करते हुए कहा था कि मदरसे के अंदर नेताओं और राजनीति के लोगों के प्रवेश पर बैन लगा दिया था.
14 अगस्त 2015: दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी करते हुए कहा था कि मुस्लिमों को धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाना चाहिए.
5 अगस्त 2015: दारूल उलूम ने शेविंग को गुनाह करार दिया था. जिसके बाद से देवबंद के नाई ने लोगों की शेविंग करने से साफ इंकार करने लग गए थे.
9 जून 2015: दारुल उलूम देवबंद ने योग को शरीयत के खिलाफ बता दिया था. दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी करते हुए कहा था कि यह शरीयत के खिलाफ और हराम है.
1 जून 2015: बाबा रामदेव के पतंजलि के खिलाफ देवबंदी उलेमाओं ने कहा था कि इनके प्रोडक्ट्स में मल-मूत्र का इस्तेमाल होता है. इसलिए इनकी किसी चीज का इस्तेमाल नाजायज है.
26 अगस्त 2014: दारुल उलूम देवबंद ने किडनी को दान करने को हराम करार दिया था. इसके पीछे देवबंद का तर्थ था कि शरीर हमारी अमानत नहीं है. अधूरे शरीर ऊपर जाना शरीयत के खिलाफ है.