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मानहानि के मुकदमे में नया पेंच, तय हो रहा कि मामला निजी या सरकारी

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लिखी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दाखिल मानहानि मामले में जनता के पैसों के दुरुपयोग का आरोप झेल रही आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा है कि जिस पूरे मुकदमे को निजी केस बताया जा रहा है दरअसल वह निजी केस अरुण जेटली की तरफ से है, ना की मानहानि मामले में आरोपियों की तरफ से.

अरविंद केजरीवाल-अरुण जेटली अरविंद केजरीवाल-अरुण जेटली
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 05 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लिखी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दाखिल मानहानि मामले में जनता के पैसों के दुरुपयोग का आरोप झेल रही आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा है कि जिस पूरे मुकदमे को निजी केस बताया जा रहा है दरअसल वह निजी केस अरुण जेटली की तरफ से है, ना की मानहानि मामले में आरोपियों की तरफ से. सामने आए दस्तावेज के जरिए आरोप है कि वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने अरविंद केजरीवाल की तरफ से कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में इस मानहानि के मुकदमे को निजी केस बताया है.

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बीजेपी का आरोप है कि जब मामला निजी है तो उसकी सुनवाई के लिए वकील की फीस दिल्ली सरकार क्यों देगी. बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना का कहना है कि जब हाई कोर्ट में हलफनामा निजी केस के तहत दिया गया तो अब यह मामला सरकारी कैसे. हरीश खुराना का कहना है कि सामने आए तीनों दस्तावेज साफ इशारा करते हैं कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता के टैक्स का पैसा अपने निजी केस के लिए खर्च कर रहे हैं दिल्ली की जनता आने वाले सभी चुनाव में केजरीवाल सरकार से इसका बदला लेगी.

वहीं आम आदमी पार्टी इस पूरे मामले में दस्तावेजों के साथ दावा कर रही है कि यह पूरा मुकदमा इसलिए निजी है, क्योंकि अपनी निजी मानहानि का मुकदमा अरुण जेटली ने एक साधारण नागरिक के तौर पर किया है ना कि देश के वित्त मंत्री के तौर पर. इसलिए यह मामला उनकी तरफ से निजी है ना कि मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल की तरफ से.

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अरुण जेटली के मानहानि केस में आरोपी और आम आदमी पार्टी नेता आशुतोष ने कहा कि, "यह मामला अरुण जेटली की ओर से निजी प्रवृत्ति का हो सकता है क्योंकि मानहानि का मुकदमा उन्होंने बतौर वित्त मंत्री नहीं बल्कि एक सामान्य नागरिक के नाते किया है लेकिन यह केस उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ किया है."

आशुतोष का दावा है कि अरुण जेटली द्वारा भेजा गया मानहानि का नोटिस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजा गया था क्योंकि दिल्ली सरकार ने डीडीसीए घोटाले की जांच के लिए समिति बिठाई थी.

इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी अरुण जेटली द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दिए गए उस जवाब का हवाला दे रही है जिसमें जेठमलानी ने अरुण जेटली से पूछा था कि जब उसी तरह के आरोप मधु किश्वर ने लगाए तो मुकदमा सिर्फ केजरीवाल पर क्यों और मधु किश्वर पर क्यों नहीं? इस सवाल के जवाब पर अरुण जेटली ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और संवैधानिक पद पर हैं, ऐसे में उनका आरोप ज्यादा गंभीर हैं ज्यादा गंभीरप्रवृत्ति का है."

इस पूरे मामले में जनता के टैक्स के पैसों के दुरुपयोग के आरोप के बाद आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को कथित ईवीएम घोटाले से ध्यान भटकाने की कोशिश का आरोप लगा रही है. आम आदमी पार्टी नेता आशुतोष ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला ईवीएम घोटाले से ध्यान भटकाने की कोशिश है.

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