
दिल्ली विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछ चुकी है. सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियां लगातार अपने पत्ते खोल रही हैं. वोटरों के सामने दुविधा है कि वह किस पार्टी को वोट दें, जिससे दिल्ली का विकास हो और अंतत: खुद उसका भी भला हो.
ऐसी कई बातें हैं, जो बीजेपी की ओर से सीएम पद की उम्मीदवार किरण बेदी और AAP के सीएम पद के दावेदार अरविंद केजरीवाल के पक्ष में जाती हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस और अजय माकन रेस में नहीं हैं या दिल्ली में इन्हें चाहने वालों की कोई कमी है. ऐसे कई तथ्य हैं, जो कांग्रेस और माकन के पक्ष में जाते हैं. अागे पेश हैं ऐसी बातें, जिनके आधार पर
मैं अजय माकन को ही वोट दूंगा...
1. कांग्रेस ने ही तैयार की दिल्ली की लाइफलाइन
यूं तो दिल्ली की रफ्तार दशकों पहले भी कम नहीं थीं, लेकिन इस रफ्तार को पंख देने का काम कांग्रेस ने ही किया है. दिल्ली मेट्रो का खाका तैयार करने से लेकर उसे पटरियों में दौड़ाने का पूरा क्रेडिट कांग्रेस सरकार को ही जाता है. मेट्रो में सफर करने वाला शायद ही ऐसा कोई शख्स होगा, जो इस कांग्रेस की इस अनोखी देन को नजरअंदाज कर सकता हो. बसों और कारों के लिए सीएनजी भी कांग्रेस राज की ही उपलब्धि है. पढ़ें...मैं केजरीवाल को वोट दूंगा क्योंकि...
2. दिल्ली में विकास का श्रेय कांग्रेस को
पिछले करीब डेढ़ दशकों में दिल्ली में विकास करने का पूरा क्रेडिट कांग्रेस को ही जाता है. पब्लिक विकास के नाम पर कांग्रेस पर भरोसा कर सकती है. एमसीडी में कांग्रेस का कब्जा न होने के बावजूद उसने दिल्ली में बेहतर काम कर दिखाया. बड़े पैमाने पर अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के काम को कांग्रेस ने ही अमलीजामा पहनाना शुरू किया. पढ़ें-मैं किरण बेदी को वोट दूंगा, क्योंकि...
3. अजय माकन की साफ छवि का फायदा
अजय माकन ऐसे नेता हैं, जिनकी इमेज साफ-सुथरी है. उनके खिलाफ करप्शन आदि का कोई आरोप नहीं है. खेल मंत्री के रूप में उनका रिकॉर्ड बढ़िया रहा है. लिहाजा वे वोटरों को अपनी ओर खींच सकते हैं.
4. युवाओं को भी लुभा सकते हैं माकन
अजय माकन खुद उत्साह से लबरेज युवा नेता हैं, इसलिए दिल्ली के युवा वोटरों को लुभा सकते हैं. वे AAP नेता अरविंद केजरीवाल और बीजेपी नेता किरण बेदी को इस मोर्चे पर भी टक्कर दे सकते हैं.
5. माकन ने पेश किया तीसरा विकल्प
दिल्ली में पहले तो अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के बीच ही पूरा मुकाबला मालूम पड़ रहा था. लेकिन अजय माकन के चुनावी मैदान में उतरने से वोटरों को तीसरा दमदार विकल्प मिल गया है.
6. माकन को कांग्रेस नेतृत्व का भरोसा हासिल
अजय माकन कांग्रेस नेतृत्व के करीबी समझे जाते हैं, जिन्हें आलाकमान का पूरा समर्थन और भरोसा हासिल है. ऐसे में वोटर इन्हें पलकों पर बिठा सकते हैं.
7. संवाद करने में माहिर हैं माकन
अजय माकन पब्लिक से संवाद करने में माहिर माने जाते हैं. फेसबुक, ट्विटर जैसे माध्यम पर एक्टिव रहते हैं. किसी भी मुद्दे पर तुरंत अपनी राय देते हैं. ये बातें उनके पक्ष में जाती हैं.
8. अपने वादे पर खरी उतरी कांग्रेस
दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनाव में जब किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला, तो कांग्रेस ने ही आगे बढ़कर AAP को समर्थन दिया, जिससे सरकार का गठन हो सका. कांग्रेस ने वादा किया था कि वह केजरीवाल सरकार से समर्थन वापस नहीं लेगी. उसने अपना वादा निभाया, जो इस दौर की सियासत में बड़ी बात है.
9. सबकी पार्टी है कांग्रेस
कांग्रेस को ही देश को बनाने का श्रेय जाता है. यह ऐसी पार्टी है, जहां हर धर्म और जाति के लोगों की पूछ होती है. जनता जानती है कि यह सबकी पार्टी है. कांग्रेस को इस इमेज का फायदा मिल सकता है.
10....क्योंकि माकन सिस्टम में यकीन रखते हैं
अरविंद केजरीवाल ने देश के लचर पॉलिटिकल सिस्टम के खिलाफ आंदोलन खड़ा करके, बाद में राजनीति में कदम रखा. किरण बेदी आईपीएस छोड़ने के बाद समाजसेवा से जुड़ गईं. पर अजय माकन मंजे हुए सियासतदान हैं. माकन को वोट इसलिए मिलेगा, क्योंकि वे राजनीति और सिस्टम में भरोसा रखते हैं.