
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया के लगातार सामने आते मामलों के बीच साउथ एमसीडी अब ज़्यादा से ज़्यादा लोगों के बीच जाकर इस बिमारी की रोकथाम की कोशिश में लग गया है. साउथ एमसीडी कमिश्नर पीके गोयल ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम ही इसका सबसे बड़ा इलाज है और इसलिए साउथ एमसीडी इस साल दो अलग-अलग रणनीतियों के तहत काम कर रही है.
एक तरफ डीबीसी वर्कर अब बड़े पैमाने पर ब्रीडिंग चेक कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर निगम भी अब प्रचार के अलग-अलग माध्यमों से जनता के बीच डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर लोगों को जागरुक करने में लगा है. कमिश्नर पीके गोयल के मुताबिक डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए जनता को पार्कों और अन्य दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर पर्चे बांटे जा रहे हैं. साथ ही आरडब्लूए के माध्यम में घर-घर तक जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है.
इसके अलावा साउथ एमसीडी ने हाल ही में 300 ऑटो टिप्पर और 104 तिपहिया वाहन ड्यूटी पर लगाए हैं, जो लाउडस्पीकर के ज़रिए मोहल्लों में जाकर डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए लोगों को जागरुक कर रहे हैं. इसके अलावा साउथ एमसीडी अखबारों और रेडियो के माध्यम से भी इस बाबत मेयर के संदेश को प्रसारित कर रहा है. कई इलाकों में होर्डिंग लगाकर भी लोगों को बारिश जनित बीमारियों के प्रति जागरुक किया जा रहा है.
कमिश्नर पीके गोयल के मुताबिक वह खुद पूरे प्रचार अभियान को मॉनिटर कर रहे हैं. गोयल ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया के खिलाफ ये अभियान सिर्फ दवा छिड़कने तक सीमित नहीं है, बल्कि डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने वाले एडीज़ लार्वा को पहले ही खत्म करने के साथ ही प्रजनन को रोका जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार डीबीसी वर्कर्स को टेबलेट बांटे गए हैं, ताकि ब्रीडींग चेकिंग की मॉनिटरिंग की जा सके और ज़्यादा मामले सामने आने वाली जगहों के बारे में डाटा जुटाया जा सके.
इसके अतिरिक्त डीबीसी वर्कर्स को इस बार निर्माण स्थलों पर लागातार चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. कमिश्नर के मुताबिक निगम लार्वा पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई भी करेगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि हफ्ते में कम से कम एक दिन सभी बर्तनों और वस्तुओं को पूरी तरह साफ करके सुखाएं, ताकि इनमें पानी ना भरा रहे और प्रजनन भी ना हो.